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PATNA : सीएम नीतीश कुमार नीतीश कुमार ने सोमवार को लोक संवाद में इसकी घोषणा की है। इसके लिए भी प्लान तैयार किया जा रहा है। ऐसे बन रहा है प्लान सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि बालिका गृह का संचालन सरकार खुद करेगी। इसके लिए सरकारी निवेश से भवनों का निर्माण होगा और सरकारी कर्मियों को इसके संचालन के काम में लगाया जाएगा ताकि जवाबदेही तय की जा सके। मुख्य सचिव को कहा गया है कि सभी तरह के शेल्टर होम की जांच क जाए। सिस्टम में जो खामी है उसे दुरुस्त किया जाए। मुख्य सचिव के स्तर पर मामले की सख्त मॉनीटरिंग हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से शेल्टर होम सरकारी भवनों में जाएंगे।

हम शर्मिंदा, वह हंस रहे हैं

दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर हुए विपक्ष के धरने में मुजफ्फरपुर कांड पर कैंडल मार्च को लेकर सीएम ने कहा कि संवेदना नहीं थी वहां मौजूद कुछ लोगों में। हंस रहे थे, एक ऐसे व्यक्ति ने मोमबत्ती पकड़ रखी थी जिनकी चर्चा महिलाओं के खिलाफ भद्दी टिप्पणी के लिए होती रही है। धरना भ्रष्टाचार के खिलाफ था और भ्रष्टाचार के आरोप में चार्जशीटेड व्यक्ति के इर्द-गिर्द रहा। प्रवचन देने वाले लोग यह बताएं कि पूरे देश की क्या स्थिति है? बिहार के अलावा किस राज्य ने इस तरह के संस्थान की आडिट कराई? यह मुद्दा आपस में टकराव का नहीं है, जिसको जो लगता है वह बयान दे देता है। हम शर्मिंदगी महसूस कर रहें हैं और लोग जोर-जोर से चिल्ला रहे हैं। मुजफ्फरपुर की घटना से किसको शर्मिंदगी नहीं है?

मंजू वर्मा दोषी तो वह भी जाएंगी

मुजफ्फरपुर कांड के केंद्र में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के इस्तीफे को लेकर सीएम ने कहा कि अगर वह दोषी होंगी तो उनपर भी कार्रवाई होगी। अकारण किसी को कैसे

जिम्मेवार ठहराया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना के बारे में बात करने के लिए उन्होंने मंत्री को बुलाया था। मंत्री ने अपना जवाब दे दिया है। उन्होंने अपनी संलिप्तता सेस्पष्ट इनकार किया है। कौन क्या बोलता है उससे क्या मतलब है? मंत्री के इस बयान पर सीएम ने कहा कि यहां तो पहले से इस तरह की बात कही जाती रही है। जांच पर रहेगी कोर्ट की नजर मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हुए यौन शोषण के मामले में पटना हाईकोर्ट भी सख्त हो गया है। अब हाईकोर्ट की देखरेख में सीबीआइ जांच होगी। बालिका यौन उत्पीडऩ मामले की सोमवार को सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन एवं न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने सीबीआइ के एसपी को दो सप्ताह के अंदर कोर्ट में उपस्थित होकर प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

रिमांड पर लेने की अनुमति नहीं थी

डीजीपी केएस द्विवेदी ने सोमवार को कहा कि ऐसा नहीं है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को पुलिस ने रिमांड पर लेने की कोशिश नहीं की थी। पुलिस ने उसे रिमांड पर लेना चाहा था पर न्यायालय से अनुमति नहीं मिली थी। बाद में न्यायालय के निर्देश पर जेल के अंदर जाकर ब्रजेश से पूछताछ की गई थी। डीजीपी ने कहा कि किसी मामले में पुलिस को साठ दिनों के अंदर चार्जशीट करनी होती है पर मुजफ्फरपुर पुलिस ने पचपन दिन में ही चार्जशीट कर दी। ब्रजेश को हास्पिटल में शिफ्ट किए जाने से संबंधित सवाल पर डीजीपी ने कहा कि हम हास्पिटल नहीं भेजते हैं। मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर आरोपी को हास्पिटल भेजा जाता है। बालिका गृह मधुबनी से गायब एक बच्ची के संबंध में उन्होंने कहा कि वह गवाह नहीं थी क्योंकि वह गूंगी है।

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