नई दिल्ली (एएनआई)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा से राष्ट्रीय राजधानी में मुलाकात की और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति पर चर्चा की। बैठक दिल्ली के 10 जनपथ पर हुई। बघेल को उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए पार्टी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें पार्टी के संगठन और चुनाव मशीनरी के साथ समन्वय करने का काम दिया गया है। बघेल ने पिछले महीने चार बार उत्तर प्रदेश का दौरा किया और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ गोरखपुर और वाराणसी में रैलियों को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री बघेल ने लखीमपुर खीरी का भी दौरा किया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने लखीमपुर खीरी का भी दौरा किया, जहां किसानों के विरोध के दौरान चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे। हिंसा के बाद लखीमपुर खीरी में राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिली है। पूर्व में कांग्रेस ने विभिन्न क्षेत्रों से 'प्रतिज्ञा यात्रा' के माध्यम से लोगों के बीच प्रारंभिक चुनावी घोषणाएं करने की कोशिश की है। प्रियंका गांधी वाड्रा राज्य में भाजपा नीत राज्य सरकार के खिलाफ आक्रामक तरीके से प्रचार कर रही हैं। उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव में महिलाओं के लिए 40 फीसदी टिकट समेत कई घोषणाएं की हैं। कांग्रेस महासचिव ने छोटे दलों से गठबंधन की संभावनाएं भी खुली रखी हैं।

राजनीतिक दलों संग गठबंधन में चुनाव लड़ने में फायदा
कई नेताओं को लगता है कि बीजेपी से नाराज मतदाता अगर कई राजनीतिक दलों में बंट गए तो पार्टी को नुकसान होगा। ऐसे में उन्हें लगता है कि कुछ स्थानीय राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ना उचित होगा। वहीं, कुछ नेता अपने दम पर चुनाव में जाने के पक्ष में हैं। कांग्रेस ने आखिरी बार समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, जिसमें उसे हार का सामना करना पड़ा था। भूपेश बघेल शाम को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे।

उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने
उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। यूपी में 2017 के विधानसभा चुनावों में, भारतीय जनता पार्टी ने 403 सीटों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में से 312 सीटें हासिल की थीं, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने 47 सीटें हासिल की थीं, बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) ने 19 सीटें जीती थीं और कांग्रेस केवल सात सीटें जीतें। बाकी सीटों पर अन्य उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया था। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी राज्य में 1989 से यानी 30 से अधिक वर्षों से सत्ता से बाहर है।

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