नई दिल्ली (पीटीआई)। मिशन चंद्रयान-2 का लैंडर 'विक्रम' चांद की सतह पर उतरने से पहले इसरो से संपर्क भले ही टूट गया है लेकिन लोग इसरो के वैज्ञानिकों के प्रयास की तारीफ कर रहे हैं। इसके साथ ही उनकी हाैसलाफजाई भी कर रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि इसरो अध्यक्ष के सिवन और उनकी टीम आने वाले समय में अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की रोल मॉडल होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम होंगे कामयाब, मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास हम होंगे कामयाब एक दिन।
इंजीनियरिंग टीम में पुरुषों के जितनी महिला वैज्ञानिक भी थीं शामिल
राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत के युवा ऊर्जा से भरपूर हैं और 80 करोड़ युवा अपनी रचनात्मक कुशलता से देश को उपलब्धि की नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। मुझे याद है कि चंद्रयान -2 का प्रक्षेपण पहले 15 जुलाई को निर्धारित था। मैं श्रीहरिकोटा में था। मैंने विशाल करियर बाहुबली को देखा। इसके अलावा मुझे जो सबसे ज्यादा पसंद था, वह यह था कि इंजीनियरिंग टीम में पुरुषों के जितनी महिलाएं भी शामिल थीं। उन्होंने इस दूसरे मून मिशन में शामिल महिलाओं की तारीफ भी की।
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छह महीने के बच्चे को बेंगलुरु में माता-पिता के पास छोड़कर आई
इस दाैरान राष्ट्रपति ने एक महिला वैज्ञानिक को याद करते हुए कहा कि वह वैज्ञानिक अपने छह महीने के बच्चे को बेंगलुरु में अपने माता-पिता के पास छोड़कर आई थी। किसी ने अपने योगदान में कोई कमी नहीं छोड़ी। यह संयोग था दुर्भाग्य नहीं। चंद्रयान -2 अंतरिक्ष यान 22 जुलाई को लॉन्च हुआ था और यह लगभग 50 दिनों तक पूरी तरह से सफल रहा था। हमने 3.84 लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी की। केवल 2.1 किमी की दूरी बाकी थी। इतने बड़ी दूरी तय करना एक बड़ी उपलब्धि थी।
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