कानपुर। Chandra Grahan 2020: 10 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2020) खंडच्छायायुक्त या उप छाया चंद्र ग्रहण होगा इसलिए इस कारण न तो सूतक लगेगा न ही इसका किसी तरह का ज्‍योतिषीय प्रभाव होगा। आइए विस्‍तार से समझते हैं ऐसा किसलिए होगा।

तीन प्रकार के होते हैं चंद्र ग्रहण

चंद्र ग्रहण तीन तरह के होते हैं पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण व खंडच्छायायुक्त या उप छाया चंद्र ग्रहण। इनमें से पहले दो पूर्ण चंद्र ग्रहण व आंशिक चंद्र ग्रहण का ज्‍योतिषीय व धार्मिक महत्‍व है। पूर्ण चंद्र ग्रहण होने पर चंद्रमा पृथ्वी की छाया से ढक जाता है और उस तक सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंचता। आंशिक चंद्र ग्रहण में चंद्रमा पृथ्वी की छाया से पूरी तरह नहीं ढकता है। जबकि खंडच्छायायुक्त चंद्र ग्रहण में चंद्रमा पर पृथ्वी की उप छाया ही पड़ती है। यह बाकी दोनों ग्रहणों की तुलना में कमजोर होता हे। इसमें न तो सूतक लगता है न ही इसका किसी तरह का ज्‍योतिषीय असर होगा।

कहां देखा जा सकेगा चंद्र ग्रहण व इसका समय

इस चंद्रग्रहण को यूरोप, ऑस्‍ट्रेलिया, अफ्रीका और एशिया में रहने वाले लोग देख सकेंगे। इसलिए भारत में भी इसे देखा जा सकेगा। चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसा 10 जनवरी की रात्रि 10.36 बजे शुरू होकर 11 जनवरी की सुबह 2.44 बजे समाप्‍त होगा।