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PATNA: मंगलवार को भी चार और बच्चों की मौत हो गई. सभी का एसकेएमसीएच में इलाज चल रहा था. भीषण गर्मी और उमस के बीच 39 नए मरीजों को इलाज के लिए लाया गया. इनमें एसकेएमसीएच में 30 और केजरीवाल में नौ मरीज को भर्ती कराया गया है. इनमें आधा दर्जन से अधिक की हालत गंभीर बताई जा रही. इस मौसम में एसकेएमसीएच और केजरीवाल मिलाकर 120 बच्चों की मौत हो चुकी है. जबकि, 443 बच्चों को पीएचसी से लेकर एसकेएमसीएच तक में भर्ती कराया जा चुका है.
पीडि़त बच्चों का हाल जाना
लगातार हो रही मौतों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गंभीर हैं. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा कर एईएस से पीडि़त सभी बच्चों का हाल लिया . एक-एक कर उन्होंने सभी बच्चों के परिजनों से भी इलाज के संबंध में जानकारी ली. इसके बाद पदाधिकारियों को कई निर्देश दिए. उन्होंने एसकेएमसीएच को ढाई हजार बेड वाला हॉस्पिटल बनाने की घोषणा की. वर्तमान में यहां छह सौ बेड हैं. नौ सौ अतिरिक्त बेड के लिए संरचना इसी वर्ष तैयार होगा. एसकेएमसीएच परिसर में अभी बच्चों के लिए 50 बेड का पेडिएट्रिक आईसीयू है, जिसे बढ़ाकर सौ बेड का किया जाएगा.
निजी वाहन से अस्पताल आने पर 400 रुपए मिलेंगे
मुख्यमंत्री ने सोमवार को निर्देश दिया था कि इलाज के लिए जल्द अस्पताल लाने के लिए निजी एंबुलेंस या वाहन इस्तेमाल किया जा सकता है. खर्च का भुगतान सरकार करेगी. मंगलवार को उन्होंने यह निर्देश दिया कि निजी वाहन या प्राइवेट एंबुलेंस से भी बच्चे को अस्पताल लाने वाले को 400 रुपए का भुगतान किया जाएगा.
घर-घर जाकर करें जागरूक
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया कि सभी प्रभावित इलाकों में आशा कार्यकर्ता और एएनएम के माध्यम से घरों तक ओआरएस का पैकेट वितरित करवाया जाए. यह मौखिक रूप से भी बताकर जागरूक किया जाए कि एईएस से बचाव के लिए क्या करना है.
जहां के बच्चों की मौत, वहां सर्वे
मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुधवार से उन इलाकों में सर्वे का काम आरंभ किया जाएगा जहां एईएस से बच्चों की मौत हुई है. इस क्रम में संबंधित बच्चे के परिजनों की आर्थिक स्थिति, उनके आसपास का पर्यावरण और स्वच्छता आदि का आकलन होगा. जीविका समूह की दीदियों को इस काम में लगाया जाएगा.