डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Chaitra Navratri 2024 Day 5 Maa Skandmata Aarti-Bhog: इस साल चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 9 अप्रैल को हो गया है। नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन देवी के एक अलग रूप की पूजा होती है। मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में ये देवियां धरती पर आती है और अपने भक्तों को अपने आशीर्वाद से हर तरह से शक्ति संपन्न करती है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा और पांचवें दिन मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है। स्कंदमाता मां दुर्गा की चौथी शक्ति मानी गई है। नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को केले का नैवेद्य चढ़ाए जाते हैं।
स्कंद माताः-
सिंह्यसनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सद देवी स्कंदमाता यशस्विनी।।
नवरात्रि के पाचवें दिन इस देवी की पूजा की जाती है। स्कन्द कुमार कार्तिकेय जी की माता के कारण इन्हें स्कन्द माता के रुप में जाना जाता है। इनके स्वरुप में भगवान स्कन्द बालरुप में इनकी गोद में विराजमान रहते है। इनका स्वरुप शुभ्र वर्ण का है यह माता कमल के आसन पर विराजमान रहती है। इसलिए इन्हें पद्मासना माता भी कहा जाता है। शेर इनका वाहन है। इस देवी की चार भुजाएं है। इनकी गोद में स्कन्द विराजमान है। नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है बाईं तरफ ऊपर वाली भुजा में वरद मुद्रा में है। नीचे वाली भुजा में कमलपुष्प है। इनकी पूजा या उपासना से भक्तजन की सम्पूर्ण इच्छा पूर्ण हो जाती है और भक्तजन अपनी संपूर्ण मनोकामना की पूर्ति के लिए इनकी विशेष आराधना करता है।
स्कंदमाता की आरती
जय तेरी हो स्कंद माता
पांचवा नाम तुम्हारा आता
सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी
तेरी ज्योत जलाता रहू मै
हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै
कई नामो से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा
कही पहाड़ो पर है डेरा
कई शेहरो मै तेरा बसेरा
हर मंदिर मै तेरे नजारे
गुण गाये तेरे भगत प्यारे
भगति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इन्दर आदी देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये
तुम ही खंडा हाथ उठाये
दासो को सदा बचाने आई
'चमन' की आस पुजाने आई