डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Chaitra Navratri 2024 Day 4 Maa Kushmanda Aarti-Bhog: इस साल चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 9 अप्रैल को हो गया है। नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन देवी के एक अलग रूप की पूजा होती है। मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में ये देवियां धरती पर आती है और अपने भक्तों को अपने आशीर्वाद से हर तरह से शक्ति संपन्न करती है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा और चौथे दिन मां कुष्मांडा की आराधना की जाती है। कुष्मांडा मां दुर्गा की चौथी शक्ति मानी गई है। नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को माल-पुए का भोग लगाएं।
कुष्मांडाः-
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपाद्मभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे।।
इस देवी की आठ भुजाएं बताई गई है इसलिए इन्हें कुष्मांडा देवी के नाम से जाना जाता है। इनके आठों हाथों में भिन्न भिन्न तरह के वस्तुएं बताई गई है। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष-बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र और गदा है इनके आठवें हाथ में सभी तरह की श्रद्धियाँ सिद्धियाँ देने वाली जप की माला है। देवी का वाहन सिंह है इस देवी के निवास सूर्य मंडल के भीतर लोक में बताया गया है। सूर्य लोक में रहने के कारण संपूर्ण शक्ति क्षमता इनमें बताई गई। इनके शरीर से क्रान्ति और आभा सूर्य के समान दिखाई देती है। इनके तेज से दशों दिशायें आलोपित होती है। संपूर्ण ब्रह्मांड में इनका तेज परिव्याप्त है इनकी पूजा से भक्तजन तेज एवं शक्तिशाली महसूस करते है। और अपने को महिमामंडित बनाने में भी सफल होते है।
मां कुष्मांडा की आरती
चौथा जब नवरात्र हो, कुष्मांडा को ध्याते।
जिसने रचा ब्रह्माण्ड यह, पूजन है
आध्शक्ति कहते जिन्हें, अष्टभुजी है रूप।
इस शक्ति के तेज से कहीं छाव कही धुप॥
कुम्हड़े की बलि करती है तांत्रिक से स्वीकार।
पेठे से भी रीज्ती सात्विक करे विचार॥
क्रोधित जब हो जाए यह उल्टा करे व्यवहार।
उसको रखती दूर मां, पीड़ा देती अपार॥
सूर्य चन्द्र की रौशनी यह जग में फैलाए।
शरणागत की मैं आया तू ही राह दिखाए॥
नवरात्रि में मां दुर्गा के अचूक मंत्र, जो आपको बनाएंगे निरोगी और धनवान
नवरात्रों की मां कृपा करदो मां।
नवरात्रों की मां कृपा करदो मां॥
जय मां कुष्मांडा मैया।
जय मां कुष्मांडा मैया॥