डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Chaitra Navratri 2022 Maha Ashtami Mahagauri Aarti Bhog नवरात्रि की महाअष्टमी इस बार 9 अप्रैल को है। अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें महागौरी स्वरूप का पूजन कर व्रत आदि रखा जाता है। ये भक्तजन को अपना शुभ आशीर्वाद निरन्तर देती रहती है और उनकी संपूर्ण मनोकामनाओं को पूरा करने की शक्ति देती रहती है। मान्यता है कि महागौरी मां की पूजा करने से पुत्र ग्रह से जनित ग्रह दोष दूर होते हैं। इसके अलावा मां महागाैरी के पूजन से व्यापार, दांपत्य जीवन, सुख-समृद्धि, धन आदि से वृद्धि मिलती है। आठवें नवरात्रि में नारियल का भोग लगाने से संतान संबंधित सभी परेशानियां दूर होती हैं।
महागौरीः-
श्वेत वृषे समारुढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
नवरात्रि के आठवें दिन इस शक्ति की पूजा की जाती है। इनका रंग गौर वर्ण का है इनके सभी आभूषण और वस्त्र सफेद है इसलिए इन्हें स्वेताम्बधरा कहा जाता है। यह माँ चार भुजाओं वाली है। इनका वाहन वृषभ है इनका ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा में रहता है। नीचे वाला हाथ त्रिशूल धारण किये हुए है। ऊपर वाले बायें हाथ में डमरु लिये हुए है और नीचे वाले हाथ में वरमुद्रा है भगवान शिव को पति के रुप में प्राप्त करने के लिए इस देवी ने कठोर तपस्या की इसी वजह से इनका शरीर काला पड़ गया। अपनी कठिन तपस्या के कारण भगवान शिव ने प्रसन्न होकर इनके शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोकर क्रांतिमय बना दिया। इसी के कारण ये माता महागौरी के नाम जानी जाती है।
अष्टमी पर गाएं माता महागौरी की ये आरती
जय महागौरी जगत की माया ।
जया उमा भवानी जय महामाया ।।
हरिद्वार कनखल के पासा ।
महागौरी तेरा वहां निवासा ।।
चंद्रकली ओर ममता अंबे ।
जय शक्ति जय जय मां जगदंबे ।।
भीमा देवी विमला माता ।
कौशिकी देवी जग विख्याता ।।
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा ।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ।
सती &सत&य हवन कुंड में था जलाया ।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ।।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया ।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ।।
तभी मां ने महागौरी नाम पाया ।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया ।।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता ।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ।।
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो ।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो ।।