पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। Chaitra Navratri 2022 Ke Upay चैत्र नवरात्रि को वासंतीय नवरात्रि भी कहा जाता है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 2 अप्रैल से हो रही है। इस साल भगवती देवी दुर्गा का आगमन अश्व पर हो रहा है। जानिए नवरात्र में दुर्गा मां के ध्‍यान से कैसे करें मनोकामनों की पूर्ति और कैसे मिलेगा शत्रुओं से छुटकारा ।

नवरात्र में दुर्गा-सप्तशती के अध्याय से करें मनोकामनाएं पूर्ण

1.प्रथम अध्याय:- प्रत्येक प्रकार की चिंता मिटाने के लिए।

2.द्वितीय अध्याय:- मुकदमा आदि शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए।

3.तृतीय अध्याय:- शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए।

4.चतुर्थ अध्याय:- भक्ति प्राप्त करने के लिए।

5.पंचम अध्याय:- भक्ति एवं शक्ति प्राप्त करने के लिए।

6.षष्ठम अध्याय:- भय और बाधा निवारण के लिए।

7.सप्तम अध्याय:- प्रत्येक मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए।

8.अष्टम अध्याय:- वशीकरण के लिए।

9.नवम/दशम अध्याय:- प्रत्येक कामना एवं पुत्र प्राप्ति के लिए।

10.एकादश:- व्यापार एवं सुख शांति के लिए।

11.द्वादश अध्याय:- यश,मान-सम्मान प्राप्ति के लिए।

12.त्रयोदश अध्याय:- प्रगाड़ भक्ति प्राप्ति के लिए।

नवरात्र में अपनी राशि अनुसार कीजिए माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना।

1.मेष:- मेष राशि के जातक नवदुर्गा क्रम में शैलपुत्री की उपासना करें एवं प्रत्येक माह की नवमीं तिथि का व्रत करें।

2.वृष:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में ब्रह्मचारिणी की उपासना करें तथा प्रत्येक माह की नवमीं तिथि का व्रत करें।

3.मिथुन:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में चन्द्रघंटा की उपासना करें तथा प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें।

4.कर्क:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में सिद्दिदात्री की उपासना करें एवं प्रत्येक माह की नवमीं तिथि का व्रत करें।

5.सिंह:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में कालरात्रि की उपासना के साथ प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें।

6.कन्या:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में चन्द्रघंटा की उपासना के साथ प्रत्येक माह की नवमीं तिथि का व्रत करें।

7.तुला:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में ब्रह्मचारिणी की उपासना के साथ प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें।

8.वृश्चिक:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में शैलपुत्री की उपासना के साथ प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें।

9.धनु:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में सिद्धदात्री की उपासना के साथ प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें।

10.मकर:- यह जातक सिद्धदात्री की उपासना के साथ काली की उपासना करना भी अति लाभदायक रहेगा।यह जातक प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि का व्रत करें।

11.कुम्भ:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में सिद्धदात्री एवं काली की उपासना करें एवं नवमीं तिथि का व्रत करें।

12.मीन:- यह जातक नवदुर्गा क्रम में सिद्धदात्री की उपासना के साथ प्रत्येक माह की नवमी तिथि का व्रत करें।