कानपुर। Chaitra Navratri 2020: नवरात्रि को आने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं। चैत्र नवरात्रि हर साल चैत्र मास के शुक्लपक्ष में ही मनाई जाती है। मालूम हो साल में दो बार नवरात्रि मनाई जाती है जिनमें से एक शारदीय नवरात्रि होती है और एक चैत्र नवरात्रि होती है। इस वर्ष 25 तारीख से शुरु हो रही चैत्र नवरात्रि में 9 दिन तक दुर्गा माता के अलग- अलग रुपों के लिए व्रत रखना फलदायी होगा। फिलहाल जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि से ही नव सम्वत्सर यानि कि हिंदुओं के नए साल की शुरुआत क्यों होती है। इस वर्ष कलश स्थापना का दिन व शुभ मुहूर्त कब है।
इस वजह से चैत्र नवरात्रि को हिंदू नव वर्ष का आरम्भ मानते हैं
पौराणिक मान्यताओं की मानें तो उसमें आपको नव सम्वत्सर चैत्र नवरात्रि से शुरु होने के कई साक्ष्य मिलेंगे। जानते हैं ऐसी ही एक कहानी के बारे में जिसमें इस बात का जवाब छुपा हैं। पुरानी मान्यताओं की मानें तो इसी दिन से सभी देवी और देवताओं के कार्यों का बंटवारा किया गया था। इसलिए चैत्र नवरात्रि को हिंदू नव वर्ष की शुरुआत माना जाता है। जग के निर्माण कार्य के दौरान माता कूष्माण्डा ने संसार की रचना के लिए ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उत्पत्ति की थी। कहते हैं कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ब्रह्माजी को संसार की रचना करने का कार्य सौंपा गया था। यही वजह है कि चैत्र नवरात्रि से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत माना जाता है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 25 मार्च से शुरु हो रही है। चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 24 मार्च को दोपहर 2:57 बजे से शुरु हो रही है और 25 मार्च को दोपहर 5:26 बजे तक रहेगी। 24 तारीख को दोपहर में नवरात्रि शुरु होने की वजह से पहले दिन की पूजा अगले दिन यानि कि 25 तारीख की सुबह को की जाएगी। दृग पंचांग 25 तारीख को शुरु होने जा रहे चैत्र नवरत्रों में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 6:19 बजे सुबह से आरम्भ होगा। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त करीब एक घंटे तक ही रहेगा और 7:17 बजे सुबह समाप्त हो जाएगा।