नई दिल्ली/बेंगलुरु (आईएएनएस/रॉयटर्स)। फॉक्सकॉन इंडिया एप्पल iPhone प्लांट में मैरिड वूमेंस को जॉब न दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हाल ही में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि फॉक्सकॉन चेन्नई के पास अपने आईफोन प्लांट में मैरिड वूमेंस को जॉब नहीं दे रही है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने बुधवार को तमिलनाडु लेबर डिपार्टमेंट से फॉक्सकॉन इंडिया एप्पल iPhone प्लांट में मैरिड वूमेंस जॉब न दिए जाने के मामले में एक डिटेल्ड रिपोर्ट मांगी है।
इनसे भी मांगी रिपोर्ट
श्रम मंत्रालय ने यह कहा कि समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 की धारा 5 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मेल व फीमेल इंप्लाई की भर्ती करते समय कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा तमिलनाडु सरकार इस अधिनियम के प्रावधानों के प्रवर्तन और प्रशासन के लिए एप्रोप्रियेट अथॉरिटी है, इसलिए राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी गई है। इसके साथ ही रीजनल चीफ लेबर कमिश्नर के कार्यालय को भी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
जॉब न देने की ये वजह
बतादें कि ताइवान स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स फॉक्सकॉन चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में अपनी फैक्ट्री में एप्पल के लिए आईफोन का बनाती है। मीडिया रिपोर्टों में कंपनी के पूर्व कर्मचारियों और भारत में फॉक्सकॉन की नियुक्ति करने वाली एजेंसियों के हवाले से कहा गया है कि कंपनी मैरिड वूमेंस को इस बेस पर जॉब नहीं देती है क्योंकि उन पर पारिवारिक जिम्मेदारियां अधिक होती हैं। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी आदि की वजह से लीव भी काफी लेती हैं। इसलिए वे अपने अनमैरिड कलीग्स की तरह काम में उतनी प्रोडक्टिव नहीं साबित हो पाती है।
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