सीबीआई की टीम ने जांच से जुड़े दस्तावेज लिए
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LUCKNOW : एटीएस के एएसपी राजेश साहनी के मामले में शुक्रवार को सीबीआई लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच के एसपी एसके खरे ने एनेक्सी स्थित गृह विभाग में जाकर प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार से जांच से जुड़े दस्तावेज लिए। गृह विभाग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। इसमें राज्य सरकार का सीबीआई जांच की संस्तुति का पत्र और निर्धारित प्रोफार्मा में घटना से जुड़ी समस्त जानकारियां शामिल हैं। अब सीबीआई इन दस्तावेजों का अध्ययन करेगी जिसके बाद वह जांच टेकओवर करने का नोटिफिकेशन जारी कर देगी। माना जा रहा है कि इस प्रकरण की जांच लखनऊ स्थित सीबीआई के जोनल कार्यालय द्वारा ही की जाएगी।
मुख्यालय से अनुमति मिलना बाकी
सीबीआई की टीम ने भले की गृह विभाग से इस मामले से जुड़े दस्तावेज हासिल कर लिए हो पर जांच शुरू करने के लिए नई दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय की अनुमति मिलना अभी बाकी है। सीबीआई द्वारा केस दर्ज किए जाने के बाद एटीएस मुख्यालय के उस कमरे को भी खंगाला जाएगा जहां राजेश साहनी द्वारा सरकारी पिस्टल से आत्महत्या किए जाने का दावा किया जा रहा है। सीबीआई उन सभी सुबूतों को भी अपने कब्जे में लेगी जिन्हें लखनऊ पुलिस ने घटनास्थल से जुटाया था। इनमें घटना में इस्तेमाल पिस्टल, एटीएस कार्यालय में लगे सीसीटीवी की फुटेज, राजेश साहनी का मोबाइल, लैपटॉप और कई फॉरेंसिक रिपोर्ट शामिल हैं। वहीं गृह विभाग द्वारा सौंपे गये दस्तावेजों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी है जिसके आधार पर सीबीआई जांच की दिशा तय करेगी। फिलहाल अब यह मामला सीबीआई के हवाले होने के बाद एटीएस में तैनात अधिकारियों की परेशानी का सबब बन सकता है। जांच शुरू होने पर उन्हें सीबीआई के तमाम सवालों का जवाब भी देना पड़ेगा।
पहले पीई हो सकती है दर्ज
वहीं सूत्रों की मानें तो सीबीआई इस मामले में पहले प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर सकती है, क्योंकि इस मामले को लेकर कोई एफआईआर दर्ज नहीं करायी गयी थी। पीई दर्ज होने के बाद जांच में यदि राजेश साहनी की मौत का जिम्मेदार किसी अधिकारी को पाया जाता है तो सीबीआई उसके खिलाफ केस दर्ज कर पूरे प्रकरण की विवेचना करेगी और अदालत में चार्जशीट दाखिल करेगी। फिलहाल शुक्रवार को हुए इस घटनाक्रम से साफ है कि यह मामला अब सीबीआई के हवाले किया जा चुका है और राज्य सरकार राजेश साहनी की मौत की सही वजह पता लगाने के प्रति खासी गंभीर है।
परिवार को सरकार से मदद का इंतजार
वहीं पीपीएस एसोसिएशन द्वारा राजेश साहनी के परिजनों को दी जाने वाली सरकारी सहूलियतों को लेकर अभी तक कोई ऐलान नहीं किया गया है। इनमें एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद, परिवार के एक सदस्य को विभाग में ओएसडी के पद पर नियुक्ति, परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराया जाना, सरकारी आवास, असाधारण पेंशन दिया जाना आदि शामिल है। केवल पुलिस महकमे ने ही साथी के परिवार को मदद देने की पहल की है। ध्यान रहे कि पीपीएस एसोसिएशन, एटीएस कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी और डीजीपी ने इसकी घोषणा की है। डीजीपी ने पुलिस महकमे के सभी राजपत्रित अधिकारियों से अपना एक दिन का वेतन राजेश साहनी के परिवार की आर्थिक मदद को देने की अपील भी की है।
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