इटावा में रहने वाले महबूब हसन सिद्दीक़ी पाकिस्तानी कप्तान के सगे मामू हैं.
विकेट कीपर बैट्समैन सरफ़राज़, सिद्दीक़ी की सगी बहन अक़ीला का बेटा है.
महबूब हसन सिद्दीक़ी और उनके परिजनों को उम्मीद नहीं थी कि एक मोहाजिर के बेटे को पाकिस्तान टीम में इतना अहम काम मिलेगा.
उन्होंने ने कहा, "हमें उसके कप्तान बनाए जाने की बेहद खुशी है, उम्मीद नहीं थी कि ऐसा होगा."
जैसे ही सरफ़राज़ कप्तान बनाए गए, महबूब हसन की बहन ने फ़ोन करके "खुशख़बरी दी. हमारी आँखों में खुशी से आंसू आ गए."
महबूब हसन, जो इटावा के भीमराव कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज में सीनियर क्लर्क हैं, ने बताया कि खबर मिलते ही आस-पड़ोस के लोग उनके घर आने लगे और मिठाई बंटनी शुरू हो गई.
महबूब हसन के मुताबिक़ "पकिस्तान में अभी भी मोहाजिरों (हिंदुस्तान से गए मुसलमान) से दूरी रखी जाती है और उनको घृणा से देखा जाता है".
उन्होंने कहा कि पिछले साल 19 मई को वे सरफ़राज़ की शादी में कराची गए थे. उस वक़्त भी सरफ़राज़ के मोहाजिर होने की बात पाकिस्तानी मीडिया ने उठाई थी.
वे बताते हैं, "एक प्रेस कांफ्रेंस में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन शहरयार खान से इस सिलसिले में सवाल करते हुए एक रिपोर्टर ने कहा था कि सरफ़राज़ की माँ हिंदुस्तान की हैं इस नाते उन्हें कप्तानी का हक़दार कैसे माना जा सकता है?"
महबूब हसन ने बताया कि जवाब में शहरयार खान ने कहा कि 1947 से पहले सब हिंदुस्तानी थे.
सात भाई बहनों में सरफ़राज़ तीसरे नंबर पर हैं. सबसे बड़ी बहन हैं और फिर एक भाई के बाद ये तीसरे नंबर पर हैं. सरफ़राज़ का एक छोटा भाई अब्दुर रहमान पाकिस्तान की अंडर-19 टीम के कप्तान है.
महबूब हसन और उनका परिवार मोहाली में पाकिस्तान-ऑस्ट्रेलिया मैच देखने गए थे जिसके लिए "सरफ़राज़ ने टिकट भिजवाए थे." पाकिस्तान ये मैच हार गया था.
महबूब हसन मोहाली में सरफ़राज़ से मिल कर काफी खुश थे. इससे पहले सरफ़राज़ 2007 में एक मैच में ग्वालियर आए थे और वहाँ भी महबूब हसन उससे मिलने गए थे.
कराची में मदनी की बिरयानी के शौक़ीन सरफ़राज़ इंटर पास हैं और हाफिज भी हैं. "मोहाली में उसने टीम को नमाज़ भी पढ़वाई थी."
inextlive from Cricket News Desk
International News inextlive from World News Desk