2018 में सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा देने के लिए कितने छात्र शामिल हुए?
नई दिल्ली (प्रेट्र)। सीबीएसई देश में सबसे बड़ा एजुकेशन बोर्ड है। यह बोर्ड हर वर्ष 24 प्रकार की परीक्षाएं आयोजित कराता है। इनमें मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए एनईईटी, सीबीएसई से जुड़े स्कूलों के लिए 10वीं और 12वीं की परीक्षा का आयोजन शामिल है। इस साल 10वीं की परीक्षा के लिए 16,38,428 छात्र और 12वीं की परीक्षा के लिए 11,86,306 छात्र शामिल हुए।
भारत में कुल छात्रों में कितने प्रतिशत इस बोर्ड से जुड़े हैं?
देश भर के अलग-अलग बोर्ड द्वारा आयोजित 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल कुल छात्रों में 9 प्रतिशत छात्र सीबीएसई के तहत आते हैं। भारत में सभी बोर्ड में शामिल छात्रों को जोड़ा जाए तो अंदाजन 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 1.86 करोड़ छात्र और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 1.45 करोड़ छात्र शामिल होते हैं।
सीबीएसई एग्जाम कब से कब तक होना है?
10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा 5 मार्च से शुरू हुआ। 10वीं की परीक्षा 4 अप्रैल और 12वीं की परीक्षा 13 अप्रैल को खत्म होनी है।
प्रश्न पत्र तैयार करने की प्रक्रिया कब से शुरू होती है?
स्कूल लेवल पर बोर्ड परीक्षा का पंजीकरण खत्म होते ही सीबीएसई प्रश्न पत्र तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर देता है। अवमूमन यह सब बोर्ड परीक्षा शुरू होने से 6 महीने पहले शुरू होता है।
क्वेश्चन पेपर कैसे सेट किया जाता है?
सवाल चुने जाते हैं और परीक्षण के बाद उन्हें दो स्तर पर फाइनल किया जाता है। पहले स्तर पर सीबीएसई प्रत्येक विषय के लिए स्कूल या कॉलेज के चार से पांच टीचरों की एक कमेटी गठित करती है। कमेटी एक क्वेश्चन बैंक तैयार करता है और उन्हें तीन सेट के प्रश्न पत्र में अरेंज करता है। एक सेट दिल्ली के स्कूलों के लिए, दूसरा देश भर के स्कूलों और तीसरा विदेश में सीबीएसई से जुड़े स्कूलों के लिए होते हैं। दूसरे स्तर पर सीबीएसई की एक एक्सपर्ट कमेटी पेपर का पाठ्यक्रम से संबंध, कठिनाई का स्तर और अवधि की जांच करती है। इसके बाद ही गोपनीय तरीके से प्रश्न पत्र सेट किए जाते हैं।
दो सेट के क्वेश्चन पेपर में क्या अंतर होता है?
पहले हर सेट के पेपर में 70 प्रतिशत तक प्रश्न अलग-अलग रहते थे। लेकिन अब हर सेट के क्वेश्चन बड़ी संख्या में समान रहते हैं, अंतर सिर्फ उनके सिक्वेंस में होता है। ऐसे में एक सेट लीक हो तो हर सेट पर असर पड़ता है।
परीक्षा कराने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है?
स्टैंडर्ड प्रोसीजर के मुताबिक एग्जाम सेंटर में पेपर सील पैकेट में भेजे जाते हैं। इन्हें कम से कम चार लोगों की मौजूदगी में खोला जाता है। एग्जाम सेंटर से अलग एक व्यक्ति गवाह के तौर पर स्कूल का मौजूद होता है, जिस स्कूल की परीक्षा उस केंद्र पर हो रही होती है। दिल्ली और बाहर के संवेदनशील केंद्रों पर बोर्ड फुल टाइम आब्जर्वर भी नियुक्त करता है। साथ ही बोर्ड राज्य प्रशासन और लोकल पुलिस के साथ संपर्क में रहता है ताकि बिना परेशानी के बोर्ड परीक्षा संपन्न कराई जा सके।
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