नई दिल्ली(पीटीआई)। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और सीबीआई के बीच शारदा चिट फंड घोटाला मामले में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में सीएम ममता बनर्जी जहां धरने पर बैठी हैं, वहीं सीबीआई और केंद्र की ओर से पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में तुरंत सुनवाई मांग की। हालांकि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई कल मंगलवार को की जाएगी।
सबूत पेश करने के लिए स्वतंत्र
वहीं पीठ ने कोलकाता कमिश्नर राजीव कुमार पर सबूतों को नष्ट करने की कोशिश वाले आरोप पर कहा कि यह सॉलिसिटर जनरल या कोई अन्य पार्टी अदालत के सामने इसके लिए सबूत पेश करने के लिए स्वतंत्र है। बशर्ते उनसे यह साफ हो कि पश्चिम बंगाल प्राधिकरण या पुलिस का कोई अधिकारी इस मामले से संबंधित सबूतों को नष्ट करने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही पीठ ने यह भी कहा कि सभी सामग्री या साक्ष्य को शपथ पत्र के माध्यम से पहले रखना होगा।
बिना तलाशी वारंट के दस्तक दी
बता दें कि कल सारदा और रोजवैली चिटफंड घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए सीबीआई की एक टीम कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पहुंच गई। इसके बाद यहां पर पश्चिम ममता बनर्जी का एक अलग ही रूप देखने को मिला। सीएम ममता ने इसे संवैधानिक मानदंडों पर हमला करार देते हुए रविवार रात 8.30 बजे धरना शुरू कर दिया। सीएम ममता बनर्जी का कहना है कि सीबीआई ने कमिश्नर राजीव कुमार के दरवाजों पर बिना तलाशी वारंट के दस्तक दी।
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