गार्ड बनकर विधायक के कमरे के बाहर खड़ी थी शशि
नई दिल्ली, (प्रेट्र)। उन्नाव में नाबालिग के साथ गैंगरेप के मामले शशि सिंह नाम की एक महिला का नाम भी चर्चा में हैं। पीड़िता की मां ने पहले पुलिस कंप्लेन में और अब सीबीआई में दर्ज प्राथमिकी में महिला शशि सिंह पर विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का साथ देने का आरोप लगाया था। पीडि़ता की मां ने आरोप लगाया है कि शशि सिंह ने उनकी बेटी को बहलाया फुसलाया था और उसे विधायक कुलदीप सेंगर के घर लेकर गई थी। इसके बाद जिस समय विधायक उसकी बेटी के साथ रेप कर रहा था उस समय शशि सिंह वहीं पर कमरे के बाहर गार्ड बनकर खड़ी थी। ऐसे में कल शनिवार को सीबीआई ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सहयोगी शशि सिंह को भी हिरासत में ले लिया है। इनसे भी पूछताछ की जा रही है। वहीं सस्पेंड पुलिसकर्मियों से भी सीबीआई पूछताछ कर रही है।
सात दिनों की रिमांड पर विधायक कुलदीप सिंह
बतादें कि सीबीआई ने बीते शुक्रवार को आरोपी बांगरमऊ के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को हिरासत में लिया। इसके बाद करीब 16 घंटे तक पूछताछ के बाद की और फिर उन्हें अरेस्ट कर लिया। इसके बाद शनिवार को सीबीआई ने रिमांड मजिस्ट्रेट सुनीत कुमार के समक्ष सेंगर को पेश किया और रिमांड अर्जी लगाई। विधायक की ओर से उनके वकील ने न्यायिक रिमांड अस्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया। वहीं सीबीआई ने रिमांड अर्जी में कहा कि आरोपी बांगरमऊ जिला उन्नाव का बाहुबली विधायक है तथा प्रभावशाली होने के कारण मौखिक एवं दस्तावेजीय साक्ष्य से छेड़छाड़ कर सकता है। जबकि इसे मामले में अभी गवाहों का आरोपी से आमना-सामना कराकर सच्चाई का पता लगा है। ऐसे मजिस्ट्रेट ने आरोपी विधायक की सात दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली।
पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक की गिरफतारी को लेकर आदेश दिया था। बतादें कि अदालत ने इस बात को भी संज्ञान में लिया है कि पीड़िता ने 17 अगस्त , 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले की शिकायत की थी। इसके बाद भी पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की थी। मुख्य न्यायाधीश दिलीप भोसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की पीठ ने कहा, "इस मामले की सबसे बड़ी खासियत यह है कि लॉ और आर्डर मशीनरी और सरकारी अधिकारी सीधे विधायक कुलदीप सिंह के प्रभाव में थे। इसलिए पीड़िता और उसके परिजनों के लिए न्याय के लिए इतने दिन तक भटकना पड़ा। बतादें कि बीते 8 अप्रैल रविवार को पीड़िता और उसके परिजनों ने विधायक कुलदीप व उसके भाई पर रेप का आरोप लगाते हुए सीएम हाउस के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था।
नाबालिग पीडि़ता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत
पुलिस ने एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए दबंगों के बजाय पीडि़ता के पिता को ही जेल भेज दिया था। ऐसे में दूसरे दिन नाबालिग पीडि़ता के पिता की सोमवार को उन्नाव के जिला कारागार में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी। गैंगरेप और उसके पिता की मारपीट के बाद जुडीशियल कस्टडी में मौत से मचे हंगामे के बाद आखिरकार पुलिस को एक्शन में आना ही पड़ा। मंगलवार सुबह लखनऊ क्राइम ब्रांच की टीम ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के आरोपी भाई अतुल सिंह को उन्नाव में छापेमारी कर अरेस्ट कर लिया। वहीं, पीडि़ता के पिता की मौत के बाद पूर्व में दर्ज मारपीट के मामले में जोड़ी गई गैरइरादतन हत्या की धारा को सुधारते हुए उसे हत्या की धारा में तरमीम कर दिया गया। पूरे मामले की जांच के लिये एडिशनल एसपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर दिया गया है।
पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई
पीड़ित पक्ष ने इस मामले में कल जांच करने गई विशेष जांच दल (एसआईटी) को बताया कि उन्होंने डर की वजह से विधायक का नाम नहीं लिया था। इसके अलावा यह पुलिस पर भी आरोप लगाया था कि वह मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है। पुलिस विधायक को बचाने की कोशिश कर रही है। पीड़ित पक्ष ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। इसके बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी दी गई। वहीं सरकार ने भी पीड़िता और उसके परिवार को पूरी सुरक्षा देने निर्णय लिया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आश्वासन दिया है कि इस मामले में दोषी पाए जाने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। बतादें कि इस मामले कुछ पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों के खिलाफ ढिलाई और लापरवाही के लिए कार्रवाई की जा रही है।
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