क्या है मामला
बताया जा रहा है कि अहमदाबाद के नजदीक चांदखेड़ा इलाके में ओएनजीसी परिसर का एक केंद्रीय विद्यालय है. इस विद्यालय में इस्तेमाल में नहीं लाये जा रहे स्टाफ लॉकरों से इस नकदी को निकाला गया है. रविवार को स्कूल के प्रधानाचार्य अवधेश कुमार की देखरेख में सफाई अभियान चलाया जा रहा था. तभी लॉकर से यह संपत्ति मिली.
सफाई के दौरान खोला बिना चाबी वाला लॉकर
पूरे मामले को लेकर चांदखेड़ा के पुलिस निरीक्षक केके देसाई ने बताया, 'सफाई के दौरान कुमार और उनके कर्मचारियों की नजर शिक्षक कक्ष में बने एक लॉकर पर पड़ी. इस लॉकर को इस्तेमाल में नहीं लाया जा रहा था इसलिये उसपर काफी धूल-मिट्टी की परत चढ़ी थी. ऐसे में कुमार ने अपने कर्मचारियों से हर लॉकर को खोलने और उसके सफाई करने के लिये कहा. कर्मचारियों को इस तरह के बीस लॉकरों में पांच लॉकरों की चाबियां नहीं मिलीं.' देसाई ने बताया कि उस समय कुमार ने अपने कर्मचारियों को बिना चाबियों वाले लॉकर्स को तोड़कर खोलने का आदेश दिया. तोड़ने पर दो लॉकर्स के अंदर से एक-एक बैग मिला.
कुल क्या-क्या निकला लॉकर से
देसाई ने बताया, 'उन्हें लॉकर में से एक बैग से एक करोड़ रुपये नकद और दूसरे बैग से 100-100 ग्राम की 21 सोने की छड़ें मिलीं. इसके बाद काफी पूछने पर भी कोई भी इन बैगों पर दावा करने वाला नहीं मिला, तो ऐसी स्थिति में प्राचार्य ने हमें इस बात की जानकारी दी.' जानकारी मिलने पर पुलिस ने इन दोनों ही बैगों को जब्त कर लिया. बताया जा रहा है कि बैग में करीब 1.59 करोड़ रुपये की संपत्ति है.
पुलिस ने दी जानकारी
पुलिस ने बताया कि इन लॉकरों को बिना किसी नंबर के ही शिक्षकों और कर्मचारियों को उनका सामान रखने के लिये दे दिया गया था. अब इस बात का कोई भी रिकॉर्ड मौजूद नहीं है कि कौन सा लॉकर किस कर्मचारी या शिक्षक के पास था. पुलिस निरीक्षक ने यह भी बताया कि प्रधानाचार्य ने बताया था कि पिछले दो सालों में उन्होंने इन लॉकरों का इस्तेमाल तक होते बिल्कुल भी नहीं देखा. पूरे मामले को लेकर पुलिस ने कई लोगों से पूछताछ भी की, लेकिन आखिर तक भी नहीं पता कर सकी कि आखिर किसने वह बैग वहां पर रखे. इसको लेकर पुलिस ने आयकर विभाग को भी सूचित कर दिया है.
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