योनहाप के मुताबिक एक स्थानीय अदालत ने कप्तान और उनके दो साथियों के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया था.
इस हादसे में अब तक 28 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है जबकि 268 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. नौका में सवार 179 लोगों को बचा लिया गया था.
इससे पहले यह बात सामने आई थी कि जब नौका पलटी तब उसका संचालन नौका का कप्तान नहीं कर रहा था बल्कि उसकी जगह कोई जूनियर अधिकारी नौका का संचालन कर रहा था.
सिवोल नाम की यह नाव उत्तर पश्चिम में सोल बंदरगाह से दक्षिण में जेजू द्वीप की तरफ़ जा रही थी. अधिकारियों का कहना है नाव दो घंटे के अंदर पलटकर डूब गई.
आत्महत्या
जांच में नाव के तेजी से मुड़ने के और कप्तान द्वारा जान बचाने के निकासी के आदेश के वक़्त पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा हैं.
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अचानक तेजी से मुड़ने से नाव अस्थिर हो गई होगी और पलट गई होगी जबकि कुछ का मानना है कि किसी चट्टान से टकराने की वज़ह से नाव पलटी होगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कप्तान के अलावा, चालक दल के दो अन्य सदस्यों की गिरफ़्तारी वारंट की मांग की जा रही थी.
कप्तान ली जून-सिओक से पुलिस ने पूछताछ की है. कप्तान ली ने गुरूवार को टेलीविजन पर पीड़ितों और उनके परिजनों से माफ़ी माँगी है.
उन्होंने कहा, "मैं बहुत दुखी हूँ और बहुत शर्मिंदा हूँ. मुझे नहीं पता मुझे क्या कहना है. "
इस बीच, दक्षिण कोरिया में डूब गई नौका में सवार रहे डैनवोन हाई स्कूल के उप-प्रधानाध्यापक 52 वर्षीय कांग मीन-क्यू ने आत्महत्या कर ली है.
उन्हें इस हादसे में बचा लिया गया था लेकिन वे गुरूवार से लापता थे. शुक्रवार को उन्हें जींदो द्वीप पर एक चिम के नजदीक पेड़ पर लटका हुआ पाया गया.
जींदो द्वीप पर लापता यात्रियों के कई परिजन रहते हैं. डैनवोन हाई स्कूल के 350 छात्र इस नौका पर सवार थे.
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