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LUCKNOW :एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) ने मंगलवार को मतदाता जागरूकता अभियान चलाया। एडीआर के साथ आई नुक्कड़ नाटक की टीम ने चारबाग रेलवे स्टेशन, चारबाग बस स्टैंड, हजरतगंज और भूतनाथ मार्केट में अपनी प्रभावशाली प्रस्तुतियां देकर मतदाताओं के मन और मस्तिष्क को झकझोर दिया। इस दौरान नाटक के अंत में मतदाताओं ने शपथ ली कि वे दारू, मुर्गा, रुपया देने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे और ऐसे प्रत्याशियों को जनता के सामने बेनकाब करेंगे।
बाहुबली और धनबली
नाटक के दौरान दर्शक उस समय तालियां बजाने को मजबूर हो गए जब मतदाता बने एक पात्र के गले में फंदा डालकर उसे एक ओर बाहुबली और दूसरी ओर धनबली खीच रहा था। वहीं पात्रों ने दर्शकों को जब ये बताया कि टिकट या तो नेता जी को मिलेगा वरना उनकी पत्नी को या पुत्र को। कार्यकर्ता का काम झंडा उठाना, माला पहनाना तथा सभाओं में दरी बिछाना रह गया है। नाटक में कलाकार कोमल समसेरिया, रतन दीवान, अक्षत शर्मा, मोहित प्रजापति, सौरभ आजाद ने अपने अभिनय से पात्रों को जीवंत कर दिया। इस अवसर पर एडीआर के प्रदेश कोऑर्डिनेटर अनिल शर्मा ने कहा कि 24 वर्ष की कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2014 में नोटा का अधिकार मतदाताओं को दिया था, लेकिन पांच वर्ष बाद भी संसद ने नोटा पर कोई कड़ा कानून नही बनाया है।
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सांसदों से ज्यादा विधायकों को वेतन भत्ता
एडीआर के राज्य प्रतिनिधि संतोष श्रीवास्तव ने कहा की मतदाताओं को यह जानना चाहिए कि विधायकों ने अपना वेतन भत्ता सांसद से ज्यादा कर लिया है। सांसद को जहां आज 1,45,000 रुपये प्रतिमाह वेतनभत्ता मिल रहा है वहीं विधायकों ने अपना वेतन भत्ता 1,95,000 रुपये कर लिया है। पूर्व सांसद को 20,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलती है तो पूर्व विधायकों ने अपनी पेंशन 33,000 रुपये प्रतिमाह कर ली है।