मगर आपको बता दें कि गालियां देना इतनी भी बुरी बात नहीं। बल्कि इसके कई फ़ायदे भी हो सकते हैं।
दफ़्तर में तनावभरा दिन गुज़ारने के बाद कुछ लोग जिम जाते हैं। वर्ज़िश करके दिन भर की भड़ास निकालते हैं। इसी तरह कुछ लोग पब जाकर, दोस्तों के साथ वक़्त गुज़ारकर अपनी टेंशन कम करते हैं।
अगर, तनाव भगाने के इन दोनों तरीक़ों को मिलाएं और फिर इसमें एक तीसरी चीज़ मिलाकर, टेंशन दूर करने का नया कॉकटेल तैयार करें तो? आप कहेंगे क्या अजब बात कह दी। मगर, दुनिया में कई जगह तनाव दूर करने के लिए नए नुस्ख़े आज़माए जा रहे हैं।
इन्हीं में से एक तरीक़ा है, वर्ज़िश करते हुए ज़ोर-ज़ोर से गालियां देने का। कनाडा के कालगरी में नया-नया योग शुरू हुआ है। इसका नाम है ''रेज योगा''। यानी ग़ुस्से वाला योग। आम तौर पर योग करते वक़्त लोग शांत रहते हैं।
शांत माहौल में योग और ध्यान करने से उनका दिमाग़ भी शांत होता है। मगर, कालगरी में ''रेज योगा'' के दौरान लोगों को योगासन के बीच-बीच में चीख़ने-चिल्लाने और गालियां देने को कहा जाता है। योग की क्लास ख़त्म होने के बाद लोगों को बीयर पीने के लिेए पब भेजा जाता है।
''रेज योगा'' कराने वाली कंपनी बड़े गर्व से अपनी ये ख़ूबी अपनी वेबसाइट पर बयां करती है। वो कहती है कि योगासन और ध्यान के बीच में गंदी ज़ुबान का इस्तेमाल, छल-कपट और हंसी-मज़ाक़ उसकी योग की क्लास का हिस्सा हैं। इससे लोगों की सेहत पर अच्छा असर पड़ता है।
गालियों वाली इस योगा क्लास की एक घंटे की फ़ीस है क़रीब छह सौ रुपए। हर क्लास के बाद दो लोगों को पब में बीयर पीने का भी टिकट मिलता है।
इस ''रेज योगा'' की शुरुआत लिंडसे इस्टेस ने की है। चौबीस बरस की लिंडसे को ये ख़याल एक दिन ख़ुद योग करते हुए आया। उनका ब्रेक अप हुआ था। उसके बाद, एक दिन योग करते हुए, लिंडसे ज़ोर-ज़ोर से चीखने लगीं। ख़ूब गालियां दीं। इससे उन्हें बड़ी राहत महसूस हुई। इसके बाद वो ऐसा रोज़ करने लगीं।
योग और ध्यान से सेहत को होने वाले फ़ायदे तो सबको मालूम हैं। इससे तनाव दूर करने में काफ़ी मदद मिलती है। बहुत सी कंपनियां तो अब कर्मचारियों के लिए योग और ध्यान की क्लास का इंतज़ाम ख़ुद कर रही हैं। ताकि उनके मुलाज़िम, तनाव से दूर रहें और उनका ध्यान काम में लगे।
मगर, गालियों से तनाव दूर करने का नुस्ख़ा अभी एकदम नया है। तमाम तजुर्बों से मालूम हुआ है कि गालियां देने से हमारी दर्द बर्दाश्त करने की कूवत बढ़ जाती है। इससे हम दूसरों से बेहतर तरीक़े से काम निकाल लेते हैं। इससे कुछ लोगों के आपसी संबंध भी बेहतर होते हैं। वो नज़दीकी महसूस करते हैं।
''रेज योगा'' कराने वाली लिंडसे कहती हैं कि गालियां देते हुए योग करने से उनके दिल से ख़राब विचार निकले। इससे किसी को नुक़सान भी नहीं हुआ। वो बताती हैं कि चीख़ने-चिल्लाने, गालियां देने, रोने-हंसने से उनकी भड़ास निकल गई। बहुत हल्का महसूस हुआ। ऐसा लगा कि अचानक सारी परेशानियां ख़त्म हो गईं।
ये फ़ायदे महसूस करने के बाद लिंडसे ने अपने दोस्तों से बात की और फिर ''रेज योगा'' की शुरुआत की। पहले उन्होंने सिर्फ़ त्यौहारों के दौरान ''रेज योगा'' की क्लास लगाई। फिर इसकी शानदार कामयाबी से उन्होंने दफ़्तर के बाद के वक़्त के लिए ''रेज योगा'' क्लास शुरू की।
आज उनके पास ग्राहकों की अच्छी ख़ासी तादाद है। मज़ाक़-मज़ाक़ में शुरू हुआ ''रेज योगा'' आज अच्छा ख़ासा कारोबारी आइडिया बन गया है। योग के सेशन के दौरान वो योग सीखने वालों को कहती हैं कि दिल में जो भी भड़ास हो वो निकालने की कोशिश करें। क्लास के आख़िर में भी लोग, नमस्ते की जगह, भाड़ में जाए ज़माना, कहते हैं।
वैसे इस तरह का नुस्ख़ा आज़माने वाली लिंडसे इस्टेस अकेली नहीं। अमरीका के सैन फ्रांसिस्को के रहने वाले जैसन हेडली ने भी कुछ इसी तरह का वर्ज़िश का वीडियो तैयार किया है। इसका नाम है, ''एफ।।।दैट:एन ऑनेस्ट मेडिटेशन''। यू ट्यूब पर जैसन के वीडियो को अब तक पैंसठ लाख लोग देख चुके हैं। उन्हें भी ये ख़याल मज़ाक़ मज़ाक़ में ही आया था।
उन्होंने ध्यान लगाने वाले एक वीडियो की आवाज़ की नक़ल उतारनी शुरू कर दी। घर में घूम-घूमकर जेसन ये आवाज़ निकालते थे, ताकि वो और उनकी पत्नी हंस सकें। आख़िर में वो गालियां देते थे। इसके बाद दोनों मियां-बीवी ख़ूब हंसते थे।
वो बताते हैं कि वीडियो बनाने में वो अच्छी आवाज़ में ध्यान सिखाने के साथ-साथ गालियों का अच्छा तालमेल चाहते थे। जब एक बार उन्हें लगा कि ये संतुलन बन गया है, तो, उन्होंने इसका वीडियो बनाया और यू-ट्यूब पर डाल दिया।
आज बेहतर सेहत और ध्यान का अच्छा ख़ासा बाज़ार खड़ा हो गया है। कहीं ऐप हैं, तो कहीं योगा क्लासेज़। कहीं पत्रिकाएं हैं तो कहीं वर्ज़िश की ख़ास वर्कशॉप। इससे जुड़ी तमाम चीज़ें बाज़ार में हैं। जो आपकी टेंशन ख़त्म करने और अच्छी सेहत देने की अच्छी ख़ासी क़ीमत वसूल रही हैं। मुनाफ़ा कमा रही हैं।
अमरीका में इस तरह का बाज़ार क़रीब चौदह अरब डॉलर का बताया जा रहा है। इसमें से ध्यान के कारोबार का हिस्सा क़रीब सात फ़ीसद है तो योग का पंद्रह फ़ीसद।
इन सभी का मक़सद है आपके दिल दिमाग़ से तनाव और नेगेटिव बातें दूर करना। अब गालियां देने और चीखने चिल्लाने से तनाव दूर करना भी इनके नुस्खों में शामिल हो रहा है। यूं तो पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। मगर, कुछ तजुर्बों से ये साफ़ हुआ है कि इसके अपने फ़ायदे हैं।
कई रिसर्च से ये भी मालूम हुआ है कि किसी ख़ास ग्रुप में गाली-गलौज से भाईचारा बढ़ता है। न्यूज़ीलैंड की जेल में रहने वाले क़ैदियों के बीच गाली-गलौज से होने वाले फ़ायदे की रिसर्च की अक्सर मिसाल दी जाती है।
गालियों के फ़ायदे पर ब्रिटेन की कील यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक डॉक्टर रिचर्ड स्टीफ़ेंस ने रिसर्च की है। उन्होंने पाया कि गालियां देने से आप ज़्यादा दर्द बर्दाश्त कर पाते हैं। दूसरों से आसानी से काम निकाल लेते हैं।
ख़ास तौर से वो लोग जो आम तौर पर गाली-गलौज नहीं करते। उनके लिए गालियां देना फ़ायदे का सौदा हो सकता है। जोश या भावुकता में कई बार लोग गालियां देते हैं। इसका दिल दिमाग़ पर अच्छा ही असर पड़ता है। अब वर्ज़िश में गाली देने के फ़ायदे की मिलावट की जा रही है।
डॉक्टर रिचर्ड कहते हैं कि ये अच्छा नुस्ख़ा है। इसके फ़ायदे के बारे में और तजुर्बे किए जाने चाहिए। हां, वो ये भी कहते हैं कि बात-बात पर गालियां देने से इसके फ़ायदे कम हो जाएंगे। किसी भी शांत माहौल में अचानक गालियों का शोर मचने पर हम चौंक जाएंगे। कई बार इससे हंसी छूट जाती है। हंसी आपकी टेंशन दूर कर देती है।
लिंडसे और जैसन के गालियों वाली वर्ज़िश के नुस्ख़े हंसी-मज़ाक़ में ही शुरू हुए। लेकिन आज लोग उन्हें ख़ूब पसंद कर रहे हैं।
जैसन हेडली कहते हैं कि जब वो ध्यान वाले वीडियो की आवाज़ सुनते थे, तो, उन्हें उसकी बातों पर ख़ूब हंसी आती थी। जब वो कहता था कि अपना दिमाग़ साफ़ कीजिए। तो ज़ेहन में सवाल आता था कि दिमाग़ कोई कमरा तो है नहीं कि झाड़ू लगाकर सारे ख़याल बाहर कर दिए। दिमाग़ में तरह-तरह के विचार आते रहते हैं। आख़िर उन्हें कैसे निकाला जा सकता है?
इसीलिए जैसन ने ''ऑनेस्ट मेडिटेशन'' या ''ईमानदार ध्यान'' का वीडियो तैयार किया। लोगों को इससे काफ़ी मदद मिली। उन्होंने इसका ज़्यादा लंबा वीडियो बनाने की मांग की। जैसन ने अब इसका एक ऐप तैयार किया है। उन्होंने ''ऑनेस्ट मेडिटेशन'' पर किताब भी लिख डाली है, जो इसी महीने छपेगी।
इसी तरह लिंडसे इस्टेस का ''रेज योगा'' कनाडा के अलावा दूसरे देशों में भी पसंद किया जा रहा है। आज रूस, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका तक में ''रेज योगा'' की कक्षाएं लगने लगी हैं।
अब दूसरे देशों तक पहुंचने के लिए लिंडसे इसका ऑनलाइन रूप तैयार कर रही हैं। जल्द ही वो पूरे कनाडा में ''रेज योगा'' के टूर पर निकलने वाली हैं। लिंडसे कहती हैं कि, ख़राब बातों से अच्छी चीज़ें निकालने में बड़ी तसल्ली मिलती है।
Interesting News inextlive from Interesting News Desk