नई दिल्ली (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के प्रावधानों के तहत रक्षा कर्मियों के लिए पेंशन में संशोधन की घोषणा की। शुक्रवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले से सरकार पर 8,450 करोड़ रुपये का सालाना बोझ पड़ेगा और इससे 25,13,002 रक्षा पेंशनभोगियों को लाभ होगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि जुलाई 2019 से जून 2022 तक बकाया के रूप में 23,638 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जाएगा। पिछले पेंशनभोगियों की पेंशन समान सेवा अवधि के साथ उसी रैंक में कैलेंडर वर्ष 2018 के रक्षा बलों के सेवानिवृत्त सैनिकों की न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत के आधार पर पुन: निर्धारित की जाएगी। 30 जून, 2019 तक सेवानिवृत्त होने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों (1 जुलाई, 2014 से समय से पहले सेवानिवृत्त होने वालों को छोड़कर) को इस संशोधन के तहत कवर किया जाएगा। औसत से ऊपर आहरण करने वालों के लिए पेंशन संरक्षित की जाएगी। लाभ को भी बढ़ाया जाएगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि युद्ध विधवाओं और विकलांग पेंशनभोगियों सहित पारिवारिक पेंशनभोगियों को चार छमाही किस्तों में बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा। हालांकि, विशेष या उदार पारिवारिक पेंशन और वीरता पुरस्कार विजेताओं सहित सभी पारिवारिक पेंशनभोगियों को एरियर का भुगतान एक किस्त में किया जाएगा।
दिसंबर 2023 तक मुफ्त राशन
वहीं वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत दिसंबर 2023 तक मुफ्त राशन बांटने का फैसला किया गया है। इस कदम से 2 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा जो सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। वहीं इससे 81.35 करोड़ से अधिक एनएफएसए लाभार्थी लाभान्वित होंगे। इससे पहले, एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को रियायती दरों पर चावल और गेहूं प्रदान किया जाता था। अप्रैल 2020 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत प्रदान किए जा रहे खाद्यान्न को भी एनएफएसए कोटा के तहत शामिल किया जाएगा। इस प्रकार पीएमजीकेएवाई को दिसंबर 2022 से आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। शुक्रवार के फैसले से पहले एनएफएसए के तहत, प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्रदान किया जा रहा था। अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत आने वाले परिवारों को प्रति माह 35 किलो खाद्यान्न मिलता है। एनएफएसए के तहत गरीबों को तीन रुपये प्रति किलो चावल और एनएफएसए के तहत दो रुपये प्रति किलो गेहूं दिया जाता है। अब यह सब लाभार्थियों को मुफ्त में दिया जाएगा।
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