भारत ने भी बजट सीक्रेट रखने का प्लान अपनाया
1947 में ब्रिटेन की संसद में बजट पेश करने की पूरी तैयार हो चुकी थी। इस दौरान तत्कालीन लेबर चांसलर एडवर्ड डेल्टन ने बजट पेश से एक दिन पहले एक पत्रकार उनसे मुलाकात करने आया। इस दौरान उन्होंने बजट में टैक्स प्रस्तावों की जानकारी शेयर कर दी। देखते ही देखते इविनंग न्यूजपेपर में टैक्स प्रस्ताव की खबरें छप गई। अखबार में खबरें लीक होने से सरकार में हड़कंप मच गया था। डेल्टन ने अपनी गलती का अहसास करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि तत्कालीन पीएम भी उनका इस्तीफा नहीं स्वीकार रहे थे लेकिन एडवर्ड डेल्टन ने अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया था। इसके बाद से बजट को लेकर खास गोपनीयता बरती जाती है। ब्रिटेन की तर्ज पर भारत ने भी बजट को सीक्रेट रखने का प्लान अपनाया।
आजादी के बाद 26 नवंबर को पेश हुआ था बजट
15 अगस्त 1947 के बाद देश का पहला पहला आम बजट आर. के षणमुखम शेट्टी ने पेश किया था। यह बजट 26 नवंबर को सदन में पेश किया था। इस दौरान वित्त मंत्री का कार्यकाल करीब 7 महीने ही रहा।
अंग्रेजी में समझ नहीं आता था तो हिंदी में बना बजट
1955-56 से पहले आम बजट के दस्तावेज अग्रेंजी में बनते थे। ऐसे में आधी से ज्यादा जनता आम बजट के बारे में कुछ नही समझ में आता था। ऐसमें आजादी के 9 साल बाद इस बजट हिंदी में तैयार होने लगा था।
पहले साल 5 बजे लेकिन अब 11 बजे पेश होता है बजट
साल 2000 तक आम बजट शाम को 5 बजे पेश होता था, लेकिन इसके बाद इसका बदल गया। वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा 2001 से सुबह 11 बजे संसद में आम बजट पेश करने लगे। अभी फिलहाल यही समय है।
हलवा रस्म अदायगी से पता चलता बजट कैसा होगा
बजट दस्तावेजों की छपाई से पहले हलवा रस्म की अदायगी की जाती है। एक बड़ी कड़ाही में हलवा तैयार होता है, जिससे वित्तमंत्री समेत मंत्रालय के सभी कर्मचारी चखते हैं। हलुए की मिठास से बजट का अनुमान लगाया जाता है।
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