बेंगलुरु (एएनआई)। कर्नाक में महीनों की अटकलों को समाप्त करते हुए, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को पद से हटने के अपने फैसले की घोषणा की। उनकी घोषणा विधान सौध में मौजूदा कार्यकाल में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करने के लिए आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में हुई। येदियुरप्पा ने आज कहा मैंने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। मैं लंच के बाद राज्यपाल से मिलूंगा। इस दाैरान वह थोड़े इमोशनल भी हुए। इस बीच प्रमुख पद के लिए कई नेताओं के नाम चर्चा में हैं।


सीएम के रूप में इन नामों पर हो रही चर्चा
पंचमासली लिंगायत समुदाय कई महीनों से मुख्यमंत्री पद की मांग कर रहा है। बसनगौड़ा रामनगौड़ा पाटिल यतनाल, अरविंद बेलाड और मुरुगेश निरानी सहित भाजपा नेताओं को दौड़ में सबसे आगे माना जाता है। कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई का भी नाम लिया जा रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा और भाजपा महासचिव सीटी रवि भी अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं यदि पार्टी आलाकमान गौड़ा समुदाय को प्राथमिकता देता है। इसके अलावा, आर अशोक और सीएन अश्वत्नारायण समुदाय के अन्य लोकप्रिय व्यक्ति हैं।
मुझे अगले मुख्यमंत्री की कोई चिंता नहीं
येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने के लिए बेंगलुरु और कर्नाटक के अन्य स्थानों में विभिन्न मठों में कई सम्मेलन और बैठकें हो रही हैं। रविवार को, विभिन्न लिंगायत मठों के संतों ने बेंगलुरु के पैलेस ग्राउंड में एक सम्मेलन आयोजित किया और येदियुरप्पा को अपना समर्थन दिया। इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय भाजपा आलाकमान द्वारा लिया जाएगा। मैं उनके द्वारा दिए गए सुझावों का पालन करूंगा और मुझे अगले मुख्यमंत्री की कोई चिंता नहीं है, चाहे वह दलित समुदाय से हो या किसी अन्य समुदाय से हो।

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