ऊपरी सदन से लगा था झटका
लंदन (पीटीआई)। ब्रेक्जिट मामले में ब्रिटिश पीएम टेरीजा मे को संसद के निचले सदन ने समर्थन दे दिया है। वह कंजरवेटिव पार्टी में विद्रोहियों को मनाने में कामयाब रहीं। अब जब यूरोपियन यूनियन (ईयू) की मीटिंग में शिरकत करने ब्रुसेल्स जाएंगी तो उनके भीतर गहरा आत्मविश्वास होगा। अभी तक विद्रोही सांसदों के तेवर देखकर लग रहा था कि बुधवार को निचले सदन में मे मुश्किल में फंसने वाली हैं। अगले सप्ताह ब्रुसेल्स बैठक है। इससे पहले सोमवार को मे को ब्रेक्जिट मामले में ब्रिटिश संसद के ऊपरी सदन से झटका लगा था।
354 वोटों से किया था प्लान को नामंजूर
सांसदों ने 235 के मुकाबले 354 वोटों से उस प्लान को नामंजूर कर दिया था, जिसके तहत सरकार को ब्रुसेल्स से बात करनी है। टेरीजा मे ने आम चुनाव में यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन को बाहर लाने के वायदे पर चुनाव लड़ा था। नतीजे अप्रत्याशित थे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उनकी सरकार दूसरे दलों के रहमोकरम पर है। ब्रेक्जिट से बाहर आने के फैसले पर सरकार अडिग है और वह संसद से इस पर स्वीकृति लेकर अपने कदम आगे बढ़ाना चाहती है। ऊपरी सदन के सांसदों ने बहुमत से प्रस्ताव पर विरोध जताकर निचले सदन पर यह फैसला छोड़ा था कि ईयू से बाहर आने की रणनीति सरकार तैयार करे या संसद?
बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण
आज संसद की बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण थी। चुनाव हारने के बाद मे के लिए ईयू से बाहर आने के फैसले पर काम करना टेढ़ी खीर थी। सांसदों का एक धड़ा इस बात पर अडिग था कि रणनीति संसद ही तय करे, लेकिन आज संसद में जैसे ही कंजरवेटिव सांसद डोमिनिक ग्रीव ने जैसे ही यह कहा कि सरकार को इस अहम मसले पर अधिकार दिए जाने चाहिए, तभी साफ हो गया कि मे की चिंताओं का अंत हो चुका है। मे के मंत्री लायम फॉक्स ने कहा कि ये राहत की बात है। अगर संसद से स्वीकृति न मिल पाती तो ब्रेक्जिट मामले में लाभ यूरोपियन यूनियन को मिलता, क्योंकि तब सरकार बातचीत में कमजोर रहती।
ब्रेक्जिट मामले में ब्रिटिश संसद में टेरीजा मे को झटका, सांसदों से किया प्लान नामंजूर
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