ब्रिटेन में स्कूलों की छुट्टियों के दौरान जबरन शादी कराने की समस्या बढ़ रही है. ऐसी घटनाओं के मद्देनज़र ब्रिटिश सरकार ने चेतावनी दी है कि शिक्षकों, डॉक्टरों और एयरपोर्ट कर्मचारियों को सजग रहने की ज़रूरत है.

सामीम अली ऐसी ही शादी का शिकार हुईं. अपनी कहानी वो यूँ बताती हैं, "30 साल पहले मैं 13 साल की थी. मुझे छुट्टियों में पाकिस्तान ले जाया गया था. मैं नहीं जानती थी कि क्या हो रहा है. मैं केवल इतना ही जानती थी कि मुझे साफ़ सफाई नहीं करनी पड़ेगी, खाना नहीं बनाना पड़ेगा और छुट्टियाँ अच्छी बीतेंगी."

"मुझे बताया गया कि ब्रिटेन वापस जाने का एक ही तरीका है कि मैं गर्भवती हो जाऊं. मैं इतनी नादान थी उस समय कि मुझे नहीं पता था कि गर्भवती होने का मतलब क्या होता है. मैं केवल प्रार्थना कर सकती थी. मैं गर्भवती हुई. उसके पांच महीने बाद मेरी माँ मुझे वापस ब्रिटेन ले गईं.जब मैं वापस आई तो मैं 14 साल की थी. मैं स्कूल नहीं जा पाई लेकिन कोई सवाल नहीं उठाया गया. डॉक्टरों और अस्पतालों के पास भी मैं जाती थी. लेकिन किसी ने कुछ नहीं पूछा. समाज सेवाओं को सवाल पूछना चाहिए था."

-सामीम

सामीम कहती हैं कि शादी होने के एक हफ्ते पहले तक वो नहीं जानती थी कि उनके साथ शादी के लिए ज़बस्दस्ती की जाएगी और न उन्होंने लड़के को पहले कभी नहीं देखा था.

आपबीती बयां करते हुए सामीन ने बताया, "मैं पशोपेश में थी और यह भी नहीं जानती थी कि मैं कहाँ हूँ. मुझे बताया गया कि ब्रिटेन वापस जाने का एक ही तरीका है कि मैं गर्भवती हो जाऊं. मैं इतनी नादान थी उस समय कि मुझे नहीं पता था कि गर्भवती होने का मतलब क्या होता है. मैं केवल प्रार्थना कर सकती थी. मैं गर्भवती हुई. उसके पांच महीने बाद मेरी माँ मुझे वापस ब्रिटेन ले गईं.जब मैं वापस आई तो मैं 14 साल की थी. मैं स्कूल नहीं जा पाई लेकिन कोई सवाल नहीं उठाया गया. डॉक्टरों और अस्पतालों के पास भी मैं जाती थी. लेकिन किसी ने कुछ नहीं पूछा. समाज सेवाओं को सवाल पूछना चाहिए था."

अब समीम अली ज़बरदस्ती शादी करवाए जाने के खिलाफ अभियान चलाती हैं.

हर साल 5000 जबरन शादियां

ब्रितानी मंत्रियों का कहना है कि यह बेहद चिंताजनक है कि जो किशोर-किशोरी  छुट्टियों के दौरान विदेश जाते हैं, उन्हें वहां छुट्टी मनाने के बजाय  शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है.

आंकड़ों से संकेत मिलते हैं कि गर्मी की  छुट्टियों के दौरान ऐसे वाकये अब बेहद सामान्य हो गए हैं.

गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की एक इकाई जबरन  विवाह कराने के मामले पर निगाह रखती है. इस इकाई को पिछले साल जून से अगस्त के बीच ऐसे 400 मामलों की जानकारी मिली है.

हाल के अनुमानों के मुताबिक ब्रिटेन में हर साल 5,000 से ज़्यादा लोगों को शादी के लिए मजबूर किया जाता है. जबरन शादी के चंगुल में फंसने वालों में से एक-तिहाई लड़के-लड़कियों की उम्र 16 साल से भी कम होती है.

सरकार इस समस्या के बारे में लोगों को जागरूक करने की कोशिश में है और सूचनाएं जारी कर रही है कि ऐसे में किशोर-किशोरियों की मदद कैसे की जा सकती है.

'पाकिस्तान ले जाकर 13 साल में कर दी जबरन शादी'

विदेश मंत्री मार्क साइमंड का कहना है, ''स्कूल में गर्मी की  छुट्टियों का वक्त ऐसा होता है, जब जबरन शादी कराने के लिए युवाओं को विदेश ले जाया जाता है.''

उनका कहना है, ''ऑवर मैरिजः इट्स योर च्वॉयस कार्ड में यह सूचना दी गई है कि जिन लोगों की जबरन शादी का ख़तरा ज़्यादा है, वे मदद के लिए इस इकाई से संपर्क कर सकते हैं. चाहे वो ब्रिटेन में हों या विदेश में, उनकी मदद की जाएगी.''

मंत्रियों का कहना है यह बिल्कुल ग़लत है कि जिन युवाओं को अपनी परीक्षा के नतीज़ों के बारे में सोचना चाहिए, उन्हें इसके बजाय ख़ौफनाक ज़िंदगी बिताने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

बन सकता है क़ानून

बच्चों के एक संगठन फ्रीडम चैरिटी की संस्थापक अनीता प्रेम का कहना है, ''ऐसा मुमकिन है कि जो युवा किसी पारिवारिक शादी के समारोह में हिस्सा लेने के लिए विदेश जा रहे हों, उन्हें यह डर हो सकता है कि वहां उनकी शादी कराई जा सकती है. ऐसे में उन्हें पता होना चाहिए कि मदद के लिए किससे संपर्क करना है.''

इस तरह की बढ़ती घटनाएं देखते हुए सख़्त कार्रवाई के आसार बन रहे हैं और सरकार स्कॉटलैंड के नक़्शेक़दम पर  इंग्लैंड और वेल्स में जबरन शादी को आपराधिक मामला घोषित कर सकती है.

ऐसे में जो अभिवावक अपने बच्चों की जबरन शादी कराएंगे, उन्हें भी जेल जाना पड़ सकता है.

अपराध निरोधक मंत्री जेरेमी ब्राउनी का कहना है, ''यह मानव अधिकारों का हनन है और इसी वजह से हम ऐसे कृत्य को ग़ैरक़ानूनी ठहराने के लिए क़ानून बना रहे हैं.''

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