ब्रासीलिया [ब्राजील], (एएनआई)। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ब्रिक्स सम्मेलन में द्विपक्षीय वार्ता के दौरान डब्ल्यूटीओ, ब्रिक्स, और आरसीईपी सहित बहुपक्षीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ, इसके अलावा अगले साल भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत की 70 वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी के अलावा, लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों को बढ़ावा देने पर भी विचार विमर्श हुआ, विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा।
चेन्नई में स्वागत के लिए जताया आभार
राष्ट्रपति जिनपिंग ने चेन्नई में दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में उनकी मेजबानी के लिए प्रधानमंत्री की खुलकर प्रशंसा की और कहा कि वह मोदी और भारत के लोगों द्वारा दिए गए स्वागत को नहीं भूलेंगे। प्रधानमंत्री ने जिनपिंग के साथ चर्चा के बाद ट्वीट किया, 'राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता में आपसी सहयोग बढ़ाने सहित कई विषयों पर चर्चा की गई। आज की चर्चा से भारत-चीन संबंधों में नई मजबूती आएगी।'
तीसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए न्यौता
राष्ट्रपति जिनपिंग ने 2020 में चीन में तीसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया। इसके लिए तारीख और जगह का निर्धारण राजनयिक माध्यम से किया जाएगा। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ यहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब हम चेन्नई में मिले, तो इसने हमारी यात्रा को एक नई ऊर्जा दी।'
व्यापार बढ़ाने पर बातचीत
वे दोनों व्यापार और निवेश से संबंधित मामलों पर करीबी संवाद बनाए रखने के महत्व पर सहमत हुए। राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री को शंघाई में अभी-अभी संपन्न चीन आयात निर्यात एक्सपो में भारत की पर्याप्त भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि व्यापार और अर्थव्यवस्था पर नए उच्च-स्तरीय तंत्र को शीघ्र अमल में लाना चाहिए। नेताओं ने कहा कि विशेष प्रतिनिधियों ने सीमा प्रश्न से संबंधित मामलों पर एक और बैठक की और सीमा क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के महत्व को दोहराया।
Sri Lanka President Elections: देश की राजनीति में वापसी की राह पर राजपक्षे ब्रदर्स
बहुपक्षीय मुद्दों पर बातचीत
नेताओं ने डब्ल्यूटीओ, ब्रिक्स और आरसीईपी सहित बहुपक्षीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। 4 नवंबर को, भारत ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) समझौते में शामिल नहीं होने का फैसला किया क्योंकि इसकी प्रमुख चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया गया है। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के साथ व्यापक वार्ता की।
Kartarpur Corridor: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कॉरीडोर से बेहतर होंगे भारत-पाक के रिश्ते
International News inextlive from World News Desk