गाइडलाइन तय करें
मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस आर.वी. मोरे और जस्टिस वी.एल. आचलिया ने इस पूरी मामले पर पूरी बहस सुनी। लॉ कॉलेज फैकल्टी शर्मिला गूगे ने एआईबी रोस्ट के खिलाफ एक पीआईएल दाखिल की थी। शर्मिला के वकील श्याम देवानी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, ऑनलाइन कंटेंट के लिए एक गाइडलाइन होना जरूरी है। हालांकि वह किसी के पर्सनल विचारों से कोई मतलब नहीं रखते लेकिन यह ऑनलाइन कंटेंट को लेकर नियम स्पष्ट होने चाहिए। वहीं दीपिका पादुकोण और करण जौहर की पैरवी कर रहे वकील ने कहा, 'यू-ट्यूब वार्निंग देता है' इसके अलावा इस साइट को विजिट करने से पहले आपको एज भी बतानी पड़ती है, इसमें कुछ छुपा नहीं है।
यू-ट्यूब क्या होता है
इस पूरी बहस के बाद जज ने सवाल किया कि, वह 'ऑनलाइन कटेंट' शब्द को समझना चाहते हैं। इसके अलावा यू-ट्यूब क्या होता है और यह कैसे काम करता है, सरकार को इसका जल्द से जल्द जवाब देना होगा। यह पब्लिक प्लेटफॉर्म है या नहीं इसको भी सुनिश्चित करना पड़ेगा।
दिसंबर 2014 का है मामला
दिसंबर 2014 में AIB नॉकआउट के एक वीडियो ने काफी चर्चा बटोरी थी। इस वीडियो में बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह, अर्जुन कपूर और करण जौहर जमकर मस्ती की थी। इनके अलावा कई बड़े फिल्मी सितारे ऑडियंस में बैठे नजर आए थे। जिसमें कि दीपिका पादुकोण, सोनाक्षी सिन्हा के साथ-साथ आलिया भट्ट और कई बॉलीवुड के जाने-माने चेहरे शामिल हैं। इतना ही नहीं आपको बताते चलें कि ये वीडियो जबरदस्त फनी होने के साथ ही साथ इतने एडल्ट था कि इसके मेकर को इंटरनेट पर इसे पोस्ट करने से पहले इसे एडिट करना पड़ा। खैर वीडियो तो एडिट हो गया था लेकिन इसके खिलाफ मामला कोर्ट तक पहुंच गया था।
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