कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Satish Kaushik Death News: रंगों के त्योहार यानि होली के अगले ही दिन यानि नौ मार्च को दुनिया को बेरंग कर गए मशहूर एक्टर और फिल्ममेकर सतीश कौशिक। करीब 66 साल की उम्र में नई दिल्ली में हार्ट अटैक के चलते दुनिया को अलविदा कह देने वाले सतीश कौशिक के निधन से ना सिर्फ इंडस्ट्री बल्कि उनके फैंस भी गमगीन हैं। गौरतलब है कि वेटरन एक्टर 7 तारीख को मुंबई में होली मनाने के बाद 8 मार्च को अपने परिवार के साथ दिल्ली में होली मनाने पहुंचे थे। इसी दौरान उन्हें बेचैनी महसूस होने लगी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में एडमिट भी कराया गया। डॉक्टर्स ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया। सतीश का दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम भी किया गया है। इस रिपोर्ट में उनके शरीर पर चोट के कोई भी निशान नहीं मिले हैं। रिपोटर्स में बताया गया कि कार्डियक अरेस्ट के चलते उनकी मौत हुई।
वेटरन एक्टर को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सलमान
पोस्टमार्टम के बाद एक्टर के पार्थिव शरीर को मुंबई ले जाया गया और वहां उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। एक्टर के अंतिम दर्शन करने के लिए सलमान खान, शिल्पा शेट्टी, अनुपम खेर, जावेद अख्तर और राज बब्बर समेत तमाम बड़े सेलेब्रिटीज सतीश कौशिक के घर पहुंचे।
Emotional #SalmanKhan Bhai arrives at Late #SatishKaushik ji house. pic.twitter.com/1Uz0ScmHll
— Legend BALLU⚡ (@LegendSKFan) March 9, 2023
अनुपम खेर के साथ करना चाहते थे एक स्पेशल प्रोजेक्ट
इस दौरान अनुपम खेर ने मीडिया से सतीश कौशिक के घर के बाहर बात करते हुए कहा कि सतीश कौशिक उनकी तरह मिडिल क्लास से थे और उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कड़ी मेहनत कर नाम कमाया था। उन्होंने यह भी कहा कि सतीश कौशिक ने हाल ही में एक फिल्म को डायरेक्ट किया था और वह उन्हें लेकर एक नाटक बनाना चाहते थे। अनुपम कहते हैं, 'उन्हें कभी भी कोई मेडिकल कंडीशन की शिकायत नहीं की थी। यह अनहोनी अचानक हो गई है। वह मेरी तरह मिडल क्लास से थे और उन्होंने अपने बलबूते से फिल्म इंडस्ट्री में बड़ी मेहनत से नाम कमाया था। अभी उनकी फिल्म कागज 2 पूरी हुई थी। दूसरी फिल्म बनाने की सोच रहे थे।
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दिल्ली के करोड़ीमल कॉलेज से किया था ग्रेजुएशन
सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को हरियाणा के महेन्द्रगढ़ में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने करोलबाग के एक स्कूल से की फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के करोड़ीमल कॉलेज से 1972 ग्रेजुएशन किया। एक्टिंग का शौक उन्हें नेशनल स्कूल ऑफि ड्रामा तक ले गया। बॉलीवुड में एंट्री से पहले वो थिएटर के मंझे हुए कलाकार थे।
100 से अधिक फिल्मों में किया काम
साल 1983 में आई फिल्म मासूम में उन्होंने बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्हें कल्ट फिल्म जाने भी यारों में एक्टिंग के साथ-साथ डायरेक्शन में भी हाथ आजमाने का मौका मिला। रूप की रानी चोरों का राजा के डायरेक्टर सतीश कौशिक ही थे। अपने लंबे करियर में उन्होंने करीब 100 फिल्मों में काम किया है।
मिस्टर इंडिया से मिली पहचान
1987 में रिलीज हुई फेमस मूवी मिस्टर इंडिया से उन्हें बतौर एक्टर पहचान मिली, जिसके बाद उन्हें कॉमेडी रोल ज्यादा मिलने लगे। फिल्म में इंडस्ट्री में वो अपनी जिंदादिली और दोस्ती के लिए भी जाने जाते हैं। सतीश कौशिक ने फिल्म राम-लखन और साजन चले ससुराल के लिए दो बार बेस्ट कॉमेडियन का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता था। सतीश अपने पीछे बेटी वंशिका और पत्नी शशि कौशिक को छोड़ गए हैं।
सताता रहा बेटे का गम
सबको हंसाने वाले सतीश कौशिक के बारे में कम लोग जानते हैं कि वो एक बहुत गहरे गम से जूझ रहे थे। साल 1990 में उनके बेटे सानू के निधन ने उन्हें दुख के समंदर में डूबो दिया था। खुद को इस गम से उबारने के लिए उन्होंने ज्यादा से ज्यादा काम करना शुरू किया। साल 2012 में उन्होंने सोशल मीडिया पर फैंस को बताया कि उनके घर बेटी का जन्म हुआ है। सतीश जी ने ट्विटर पर लिखा था, 'हमारी बेटी का जन्म एक बच्चे के लिए हमारे लंबे और दर्दनाक इंतजार का अंत है।
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