बॉलीवुड में कई सत्य घटनाओं पर फिल्में बनी है उसी में से एक फिल्म है 'तलवार' जो नोयडा के चर्चित आरुषि हत्या कांड पर बनी है। फिल्म में किरदारों के नाम तो बदल दिए गए पर कहानी ज्यों की त्यों है। फिल्म में हर एक चीज को बारीकी के साथ दिखाया गया है फिर चाहे वो पुलिस का रोल हो, सीबीआई का रोल हो या वो लोग जो इस हत्याकांड से किसी भी तरीके से जुडे़ थे। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जांच में खमियां पाते हुए आज तलवार दंपति को इस मामले से बरी कर दिया है।
जब देश बना था डिटेक्टिव
आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या ने पूरे देश को डिटेक्टिव बना दिया था। हर कोई अपने स्तर से मामले को समझकर कातिल को ढूंढना चाहता था। कोई भी यह मानने के लिए तैयार नहीं था कि आरुषि की हत्या उसके माता-पिता ने की है। इस सवाल का जबाव आज तक नहीं मिल पाया है। निर्देशक मेघना गुलजार ने अपनी फिल्म 'तलवार' में आरुषि हत्याकांड को दिखाने की कोशिश की थी। फिल्म में इरफान खान ने सीबीआई ऑफीसर की भूमिका निभाई थी। कोंकणा सेन शर्मा ने मां की भूमिका निभाई है। सोहम शाह और नीरज कबी मुख्य भूमिकाओं में थे।
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फिल्म में नजर आई आरुषि हत्याकांड़ की झलक
आरुषि हत्या कांड की जांज में पुलिस की लापरवाही की बात सामने आई थी और लोगों ने कार्रवाई पर सवाल भी उठाए थे। इसे मेघना गुलजार ने 'तलवार' में दिखाने की कोशिश की है। शुरुआत में ही पुलिस लापरवाही नहीं बरतती तो मामला आसानी से सुलझ जाता। पुलिस ने इस केस में ज्यादा माथा-पच्ची करने के बजाय इसे ओपन एंड शट केस मान लिया था। कोर्ट ने आरुषि-हेमराज मर्डर केस में तलवार दंपती को दोषी मानते हुए फैसला सुनाया था और वो गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहे थे।
16 मई 2008 आरुषि तलवार का खून से लथपथ शव नोएडा में उसके घर के बैडरूम में मिला। उसके गले पर गहरा जख्म था। दूसरे दिन 17 मई की सुबह घर के नौकर हेमराज का भी खून से लथपथ शव आरूषि के घर की छत पर पड़ा हुआ मिला। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में हत्या के एंगल से जांच शुरू की। ऑनर किलिंग के एंगल से जांच शुरू होने पर परिवार संदेह के घेरे में आ गया। मामले में पुलिस ने आरुषि के दोस्त से पूछताछ की जिससे आरुषि ने हत्या के दिन से 45 दिन पहले तक कुल 688 बार फोन पर बात की थी। इसके बाद आरुषि के पिता राजेश तलवार को आरुषि-हेमराज हत्याकांड के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था।
आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या ने पूरे देश को डिटेक्टिव बना दिया था। हर कोई अपने स्तर से मामले को समझकर कातिल को ढूंढना चाहता था। कोई भी यह मानने के लिए तैयार नहीं था कि आरुषि की हत्या उसके माता-पिता ने की है। इस सवाल का जबाव आज तक नहीं मिल पाया है। निर्देशक मेघना गुलजार ने अपनी फिल्म 'तलवार' में आरुषि हत्याकांड को दिखाने की कोशिश की थी। फिल्म में इरफान खान ने सीबीआई ऑफीसर की भूमिका निभाई थी। कोंकणा सेन शर्मा ने मां की भूमिका निभाई है। सोहम शाह और नीरज कबी मुख्य भूमिकाओं में थे।
आरुषि हत्या कांड की जांज में पुलिस की लापरवाही की बात सामने आई थी और लोगों ने कार्रवाई पर सवाल भी उठाए थे। इसे मेघना गुलजार ने 'तलवार' में दिखाने की कोशिश की है। शुरुआत में ही पुलिस लापरवाही नहीं बरतती तो मामला आसानी से सुलझ जाता। पुलिस ने इस केस में ज्यादा माथा-पच्ची करने के बजाय इसे ओपन एंड शट केस मान लिया था। कोर्ट ने आरुषि-हेमराज मर्डर केस में तलवार दंपती को दोषी मानते हुए फैसला सुनाया था और वो गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहे थे।
16 मई 2008 आरुषि तलवार का खून से लथपथ शव नोएडा में उसके घर के बैडरूम में मिला। उसके गले पर गहरा जख्म था। दूसरे दिन 17 मई की सुबह घर के नौकर हेमराज का भी खून से लथपथ शव आरूषि के घर की छत पर पड़ा हुआ मिला। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में हत्या के एंगल से जांच शुरू की। ऑनर किलिंग के एंगल से जांच शुरू होने पर परिवार संदेह के घेरे में आ गया। मामले में पुलिस ने आरुषि के दोस्त से पूछताछ की जिससे आरुषि ने हत्या के दिन से 45 दिन पहले तक कुल 688 बार फोन पर बात की थी। इसके बाद आरुषि के पिता राजेश तलवार को आरुषि-हेमराज हत्याकांड के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था।
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