कुछ ऐसा फिल्म 'धर्म संकट में' विवाद का कारण
कुछ ऐसा ही मामला उठा फिल्म 'धर्म संकट में' को लेकर. फिल्म बीते शुक्रवार को ही थिएटर्स में रिलीज हुई. फिल्म में एक्टर परेश रावल, नसीरुद्दीन शाह और अनु कपूर के जरिए की गई कॉमेडी ने कुछ ऐसे नए मुद्दे खड़े कर दिए, जिन्हें लोग शांति से डिनर टेबल पर तो आपस में साझा नहीं कर सकते. बल्कि इस तरक के मुद्दों को साझा करने के लिए पारंपरिक तौर पर वाद-विवाद या भाषण की जरूरत पड़ती है. पूरी फिल्म एक कट्टर हिंदू (परेश रावल) के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसको बड़े होने के बाद इस बात का पता चलता है कि वह तो पैदायशी मुस्लिम है. उसे हिंदू परिवार ने सिर्फ गोद लिया था. फिल्म का प्लॉट इतना विवादास्पद है कि सेंसर बोर्ड को भी फिल्म को सर्टिफिकेट देने से पहले एक पंडित और एक मौलवी को बुलवा कर पहले उन्हें फिल्म दिखानी पड़ी. उसके बाद सर्टिफिकेशन प्रोसेस को ध्यान में रखते हुए उनसे पूछा गया कि अगर कहीं कोई विवादास्पद सीन फिल्म से काटना है.
फिल्म 'PK' (2014)
निर्देशक : राजकुमार हिरानी
कास्टिंग : आमिर खान, अनुष्का शर्मा
बीते साल रिलीज हुई ये फिल्म जितनी बड़ी हिट हुई, उतनी ही ज्यादा कंट्रोवर्शियल भी रही. फिल्म एक तरह से राजनीतिक मान्यताओं, धर्म और अंधविश्वास जैसे मुद्दों पर व्यंग्य थी, जो भारत की सामाजिक चेतना में गहराई से निहित है. आमिर खान ने फिल्म में एक एलियन का किरदार निभाया, जो गल्ती से धरती पर आ जाता है. वह धरती पर आकर मानव लालच के बदसूरत चेहरों से डरता है और उनको बदलने की कोशिश करता है. यहां आकर वह लोगों के निजी फायदे के लिए धर्म के गलत इस्तेमाल को देखते है और उससे काफी आहत होता है. फिल्म में ज्यादातर हिंदू धर्म से जुड़ी चीजों को दिखाया गया है. ऐसे में हिंदू धर्म से जुड़े कुछ लोगों ने आवाज उठाई कि फिल्म में हिंदुत्व के गलत चेहरे को दिखाया गया है और अनावश्यक रूप से हिंदू रीति-रिवाजों का मजाक उड़ाया गया है. फिल्म को लेकर यह भी कहा गया कि आखिरकार फिल्म धर्म को लेकर किसी सकारात्मक निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती. बेवजह ही धर्म के नाम पर मजाक को उछाला गया है.
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फिल्म 'दोजख: In Search of Heaven' (2015)
निर्देशक : जैगम इमाम
कास्टिंग : ललित तिवारी, गैरिक चौधरी
फिल्म मुस्लिम पिता और बेटे पर आधारित है, जो फिल्म की शुरुआत से ही इस्लाम धर्म के कट्टर अनुयायी दिखाए गए हैं. कट्टर मुस्लिम पिता इस बात को बिल्कुल भी पसंद नहीं करता है कि उसके बेटे की दोस्ती एक हिंदू पुजारी से है. बेटा हिंदू रीति-रिवाजों और त्योहारों को काफी पसंद करने लगता है. यहीं से खड़ा होता है विवाद और ये कट्टर पिता अपने बेटे को खो देता है. आखिर में कट्टर पिता इस बात को मान लेता है कि उसे धर्म से ज्यादा अपने बेटे की जरूरत है. फिल्म अपने नाम के एक उपन्यास पर आधारित है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म को रिलीज करने की अनुमति देने से पहले इसे सेल्फ-रिवीजन कमेटी के पास भेजा. उसके बाद काफी मशक्कत के बाद फिल्म को रिलीज कराया जा सका.
फिल्म 'My Name Is Khan' (2010)
निर्देशक : करन जौहर
कास्टिंग : शाहरुख खान, काजोल
फिल्म में शाहरुख ने एक मुस्लिम लड़के का किरदार निभाया है. इस लड़के को यूनाइटेड स्टेट्स में धर्म के नाम पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है. इस भेदभाव को लेकर ही उसे अपने उस सौतेले बेटे हमेशा-हमेशा के लिए गंवाना पड़ता है जिसे वह बहुत ज्यादा प्यार करता है. उसे मुस्लिम होने के नाते वहां सब आतंकवादी की संज्ञा देते हैं. अपने नाम से इस बुरे ठप्पे को हटाने के लिए वह एक लंबा सफर तय करता है. वह ऐसा खुद को अपनी पत्नी (काजोल) के सामने निर्दोष साबित करने के लिए करता है. इस फिल्म के दौरान शाहरुख के साथ न्यूयॉर्क एयरपोर्ट पर उन्हें रोक लेने वाला वाक्या भी हुआ था. फिल्म को लेकर काफी विवाद खड़े हुए. लंबे समय तक फिल्म पर प्रतिबंध भी लगा रहा, लेकिन काफी मशक्कत के बाद आखिरकार फिल्म का रिलीज करवाया जा सका.
फिल्म 'Baby' (2015)
निर्देशक : नीरज पांडे
कास्टिंग : अक्षय कुमार, अनुपम खेर, मिकाल जुल्फिकर
फिल्म काफी संवेदनशील मुद्दे को उठाया गया. यह मुद्दा था आतंकवाद का. फिल्म इस ओर इशारा करती हुई दिखाई दी कि इनका अपना कोई धर्म या प्रांत नहीं होता. इस प्रशंसित थ्रिलर मूवी को इस्लामाबाद और सिंध के सेंसर बोर्ड की और से प्रतिबंधित कर दिया गया था. गौरतलब है कि बॉलीवुड फिल्मों के लिए ये दोनों जगह इनका सबसे बड़ा मार्केट कहलाती हैं. यहीं पर फिल्म को प्रतिबंधित कर दिया गया. फिल्म में एक पाकिस्तानी आतंकवादी को पकड़ने को लेकर बनाया गया मिशन दिखाया गया है.
फिल्म में पाकिस्तानियों को काफी खराब स्थिति में दिखाया गया है.
फिल्म ''Oh My God' (2012)
निर्देशक : उमेश शुक्ला
कास्टिंग : परेश रावल, अक्षय कुमार, मिथुन चक्रवर्ती
इस कॉमेडी ड्रामा फिल्म में समाज के लिए एक खास संदेश दिया गया है. पूरी फिल्म एक नास्तिक के आसपास घूमती है. कई मसाला मूवी के बीच में यह फिल्म एक ताजी हवा की तरह थी. फिल्म में धर्म के नाम पर जमकर हो रहे व्यावसायीकरण पर प्रकाश डाला गया है. यह फिल्म उस देश के लिए बनाई गई जहां हजारों लोग भगवान के अवतार कहे जाने वाले लोगों की पूजा करते हैं, उन पर अंधा विश्वास करते हैं. फिल्म को कई जगह विवादों का सामना करना पड़ा. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सेंसर बोर्ड से फिल्म में हिदू धर्म को लेकर बोले गए शब्दों के खिलाफ एक्शन लेने का आदेश दिया. हाईकोर्ट ने यह आदेश एक याचिका के आधार पर दिया. काफी तनाव और विवादों के बाद फिल्म आगे बढ़ सकी, लेकिन बड़ी संख्या में दर्शकों ने फिल्म को पसंद भी किया.
Courtesy By Mid Day
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