एक टीवी न्यूज़ चैनल टाइम्स नाओ से बातचीत में राठौर ने कहा, "ये विशेष सैन्य बलों का का म्यांमार सीमा के भीतर किया गया एक अभियान था. भारतीय सेना ने चरमपंथियों के दो कैंप तबाह कर दिए."
उन्होंने कहा, "यह प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया एक ऐतिहासिक और साहसिक फ़ैसला था."
इससे पहले भारतीय सेना ने भी भारत-म्यामांर सीमा पर चरमपंथियों के साथ मुठभेड़ की पुष्टि की.
सेना के मुताबिक इस मुठभेड़ में बड़ी संख्या में चरमपंथी मारे गए.
भारतीय सेना मुख्यालय में सैन्य अभियानों के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल रनबीर सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह म्यामांर सीमा पर दो अलग-अलग स्थानों पर भारतीय सेना और चरमपंथियों के बीच मुठभेड़ हुई.
उनके मुताबिक इस मुठभेड़ में चरमपंथियों को भारी नुक़सान हुआ है. हालांकि उन्होंने मारे गए चरमपंथियों की संख्या स्पष्ट नहीं की.
रनबीर सिंह ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में हमें बेहद विश्वसनीय और सटीक जानकारी मिली थी कि हमारे ख़िलाफ़ कुछ और हमले हो सकते हैं. ख़ुफ़िया जानाकारी के आधार पर हमने इन हमलों को रोकने के लिए अभियान चलाया."
उन्होंने बताया, "आज सुबह भारतीय सेना ने म्यामांर सीमा के नज़दीक चरमपंथियों को दो समूहों को दो अलग-अलग निशाना बनाया जिसमें कई चरमपंथी मारे गए हैं."
इस अभियान में पड़ोसी देश म्यांमार के सहयोग की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "हम म्यामांर अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं. दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग की ऐतिहासिक परंपरा है और हम भविष्य में भी उनसे सहयोग की अपेक्षा रखते हैं."
हाल ही में मणिपुर में चरमपंथियों ने भारतीय सेना के ख़िलाफ़ बड़ा हमला किया था जिसमें 18 जवान मारे गए थे.
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