ब्लू हेक फिश की आंख आएगी काम
कॉर्निया आंख का वह पारदर्शी हिस्सा है, जिस पर बाहर का प्रकाश पड़ता है। यह आंख का दो तिहाई भाग होता है, जिसमें बाहरी आंख का रंगीन हिस्सा, पुतली और लेंस वाला हिस्सा शामिल होता है। दुनिया भर में कॉर्निया दान करने वालों की भारी कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए ऑकलैंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बहुत ही महत्वपूर्ण शोध किया है। उन्होंने अपने शोध में खुलासा किया है कि न्यूजीलैंड के तट पर भारी मात्रा में मिलने वाली ब्लू हेक फिश की आंख के प्रोटीन से ऐसा कॉर्निया बनाया जाएगा जिसका इस्तेमाल इंसानी आंखों की रोशनी ठीक करने में हो सकेगा।
यह मछली लौटाएगी आंखों की रोशनी
लाखों लोगों को मिलेगी रोशनी
शोधकर्ताओं ने बताया कि ये शोध बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उन लाखों लोगों को मदद मिलेगी जिनकी आंखों की रोशनी जाने के कगार पर आ गई है। उन्होंने कहा कि पहले मछली की आंखों को डस्टबिन में फेंक दिया जाता था लेकिन अब इसका बहुत ही कारगार इस्तेमाल किया जाएगा। मछली की आंखों के प्रोटीन से बनाया जाने वाला ये बॉयोमैटीरियल लाखों लोगों के लिए रोशनी की एक उम्मीद है।

Weird News inextlive from Odd News Desk

 

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