अवैध बताते हुये लगाई रोक
हाई कोर्ट ने जीतन राम मांझी के सीएम रहते हुये नीतीश कुमार को पार्टी विधायक दल का नेता चुने जाने को सिरे से खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इसे अवैध बताते हुये इस पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने इसे राजनीतिक मामला बताते हुये गवर्नर के डिसीजन आने तक इंतजार की बात कही है. आपको बताते चलें कि पिछले शनिवार को शरद यादव की ओर से पार्टी के MLA और MLC की बैठक बुलाई गई थी. जिसमें नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुन लिया गया था. जबकि दूसरी ओर जीतन राम मांझी ने कहा था कि, विधायक दल के नेता वह हैं और सिर्फ उन्हें ही बैठक बुलाने का अधिकार है.

नीतीश कुमार के खिलाफ दायर थी याचिका
इस मामले को लेकर मांझी समर्थकों में काफी गुस्सा फैल गया था, हालांकि उन्होंनें मामले को शांति से निपटाने के लिये कोर्ट का सहारा लिया. काराकाट के विधायक राजेश्वर राज ने सोमवार को पटना हाई कोर्ट में मांझी को हटाकर नीतीश कुमार को पार्टी विधायक दल का नेता चुने जाने को चुनौती देते हुये याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने शरद यादव और नीतीश कुमार के साथ उदय नारायण चौधरी को आरोपी बनाया था. फिलहाल हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुये कहा कि, विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार केवल सीएम को ही होता है.

बिहार मे मचा सियासी घमासान
बताते चलें कि बिहार में मचा सियासी घमासान अब दिल्ली तक पहुंच गया है. नीतीश कुमार आज शाम को राष्ट्रपति के सामने 130 विधायकों को लेकर परेड करेंगे. इसके लिये वह मंगलवार को ही दिल्ली पहुंच गये. हालांकि दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि, 'राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किये 24 घंटे से ज्यादा का समय गुजर गया है, लेकिन अभी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है. राज्यपाल का विलंब माहौल प्रदूषित करता है. अब विधायक राष्ट्रपति के पास जा रहे हैं.'

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