कहानी  

बेहद बोर जिंन्दगी जीने वाला देव एक दिन जब जल्दी घर पहुंचता है तो अपनी बीवी रीना को किसी रंजीत के साथ हमबिस्तर पाता है। वो फैसला करता है कि वो इस बात का फायदा उठाएगा और कुछ पैसे कमाएगा, पर गांव बसने से पहले लूटेरे आ जाते हैं, और जो भी  जिसको पाता है वो उसको ब्लैकमेल करने लगता है। लास्ट में क्या होता है जानने के लिए देखिये ब्लैकमेल।

मूवी रिव्‍यू ब्लैकमेल: इस फि‍ल्‍म को इरफान खान के लिए झेल सकते हैं

समीक्षा  

अभिनय देओ को अपनी पहली ही फिल्म के लिए बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर का फिल्मफेयर मिला था और आज समझ नहीं आता क्यों? उसके बाद ऐसा क्या हुआ जो वो ऐसा कोई करिश्मा नहीं कर पा रहे हैं। उसका जवाब इस फिल्म से क्लियर हो जाता है। एक निर्देशक की असली ताकत होती है उसकी स्क्रिप्ट और फिल्म देल्ही बेली के बाद अभिनय के हाथों एक भी ढंग की स्क्रिप्ट नहीं आई। ये फिल्म इसी बात का खामियाजा भुगतती है और फिल्म के स्क्रीनप्ले में रायता वैसे ही फैलता है जैसे किसी मिडिल क्लास शादी में। फिल्म में कुछ भी होने लगता है, कुछ भी। एक समय पे आके फिल्म इतनी कंफ्यूसिंग हो जाती है कि आप सहसा अपने सर के बाल नोचने पे उतारू हो जाते हैं। कहानी के अलावा दूसरी समस्या है इसकी खराब एडिटिंग। जो फिल्म पौने दो घंटे से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए थी वो ढाई घंटे तक आपके दिमाग का दही करती है।

मूवी रिव्‍यू ब्लैकमेल: इस फि‍ल्‍म को इरफान खान के लिए झेल सकते हैं

क्या आया पसंद  

फिल्म की सिनेमाटोग्राफी काफी अच्छी है जो फिल्म की थीम के हिसाब से एकदम परफेक्ट है और इसी तरह से फिल्म का आर्ट डायरेक्शन भी अच्छा है। फिल्म के रद्दी स्क्रीनप्ले के बावजूद फिल्म के डाइलॉग फिल्म की डूबती नैया को बचाने की कोशिश करते हैं पर अफसोस ऐसा हो नहीं पाता।

मूवी रिव्‍यू ब्लैकमेल: इस फि‍ल्‍म को इरफान खान के लिए झेल सकते हैं

अदाकारी

इरफान खान अपना काम बेहद बढ़िया तरिके से करते हैं और इसलिए जितनी भी फिल्म आप झेल सकते हैं वो उनकी वजह से ही है। उनके एक्सप्रेशन के आगे डाइलॉग की ज़रूरत ही नहीं हैं। दिव्या दत्ता टॉप नौच हैं, शानदार। अरुणोदय और कीर्ति का काम ठीक-ठाक सा है।

मूवी रिव्‍यू ब्लैकमेल: इस फि‍ल्‍म को इरफान खान के लिए झेल सकते हैं

वर्डिक्ट

कुलमिलाकर अच्छे कांसेप्ट वाली ये फिल्म अगर किसी ने ठीक से लिखी होती तो ये काफी अच्छी डार्क कॉमेडी थ्रिलर बन सकती थी पर छिछले लिखे हुए किरदारों, खराब एडिटिंग और बेहद रद्दी स्क्रीनप्ले के चलते ये एक कभी न खत्म होने वाला टॉर्चर बन जाती है। फिर भी इरफान खान और कुछ एक संवादों के लिए एक बार आप खुद को एक बिलो एवरेज फिल्म देखने के लिए 'ब्लैकमेल' कर सकते हैं।

Rating : 2 स्टार

Yohaann Bhaargava

Twitter : yohaannn

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