कानपुर: बिहार के राज्यपाल के बाद अब देश के प्रथम नागरिक बनने जा रहे बिहार के गवर्नर रामनाथ कोविंद एजूकेशन के प्रति काफी समर्पित रहे हैं। वह शिक्षा प्राप्त करने के लिए गांव से आठ किलोमीटर पैदल चलकर 8वीं तक की शिक्षा प्राप्त की। यह शिक्षा कानपुर देहात के संदलपुर लॉक के खानपुर गांव से ली। इसके बाद कानपुर शहर का रुख किया और एशिया के सबसे बड़े इंटर कॉलेज बीएनएसडी इंटर कॉलेज चुन्नीगंज से हाईस्कूल व इंटर की शिक्षा ग्रहण की है। ग्रेज्यूएशन और लॉ की डिग्री डीएवी कॉलेज से मिली।
शिक्षा के प्रति है जुनून
कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के परौंख गांव के रहने वाले किसान मैकूलाल के सबसे छोटे बेटे रामनाथ कोविंद को पढऩे का जुनून था। यही वजह थी कि वह शिक्षा के प्रति समर्पित हो गए। बीएनएसडी इंटर कॉलेज चुन्नीगंज से इंटर करने के बाद उन्होंने स्नातक के लिए डीएवी कॉलेज में दाखिला लिया। जहां से उन्होंने कॉम की डिग्री हासिल की। इसके बाद 1970 में डीएवी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री लेकर दिल्ली का रुख किया। जहां सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी। 1971 में दिल्ली बार काउंसिल में शामिल हो गए। इयर 1977 से 1979 तक सेंट्रल गवर्नमेंट के वकील रहे।
सिविल सर्विसेस में भी चयन
रामनाथ जी के करीबी बीएनएसडी इंटर कॉलेज के प्रवक्ता अनिल गुह्रश्वत ने बताया कि 1971 में उनकी शादी दूर संचार विभाग में कार्यरत सविता कोविंद से हुई थी। डिपार्टमेंट की कॉलोनी में उन्होंने रहकर सिविल सर्विसेस की तैयारी की और क्वालीफाई किया, लेकिन सिविल सर्विसेस में जॉब नहीं की। डॉ। भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो। अरविन्द दीक्षित ने बताया कि शालीनता व मिलनसार ही उनका अमोघ अस्त्र है। पार्टी लाइन से हटकर कभी इतर राय नहीं रखी। जिसके साथ एक बार रिश्ता जोड़ लिया।
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शिक्षा के लिए सबसे ज्यादा दी सांसद निधि
शिक्षा दान को मानते हैं सबसे बड़ा दान, सिटी के कई प्रामिनेंट स्कूल्स को सांसद निधि से दिया बजट, गांव में भी गल्र्स के लिए खुलवाया इंटर कॉलेज हमेशा लाइम लाइट से दूर सादगी भरा जीवन गुजारने वाले रामनाथ कोविंद गरीबों-दलितों का जीवन स्तर सुधारने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं।
आखिर अमीर और अमीर क्यों होते जा रहे हैं?
इसके साथ ही शिक्षा दान को वह सबसे बड़ा दान मानते हैं। इसीलिए उन्होंने डेरापुर तहसील के गांव परौंख में एक दशक पहले गरीब छात्राओं के लिए इंटर कॉलेज शुरू कराया था। इसके अलावा अपनी सांसद निधि से शिक्षा के उत्थान के लिए कई अन्य कार्य कराए।
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