1 . ये उनकी खासियत थी कि वह अपने ऑफिस के फोन खुद ही रिसीव करते थे। यही नहीं, फोन उठाकर वह बेहद प्यार से कॉलर को ग्रीट भी करते थे। फिर चाहे वो उनका फैन ही क्यों न हो।
2 . एक बार वह किसी का नाम सुन लेते थे, तो कभी भूलते नहीं थे।
3 . अपने किसी भी दोस्त या फैमिली मेंबर के बर्थडे पर वह पर्सनल नोट के साथ फूल जरूर भेजते थे।
4 . उनको अपने ऑफिस में हमेशा हल्की रोशनी पसंद थी। बता दें उनके ऑफिस का नाम penthouse था और ये मुंबई के पाली हिल, बांद्रा में बना हुआ था।
5 . इनके penthouse में किताबों और इनकी फेवरेट स्क्रिप्ट्स का बड़ा कलेक्शन था। बल्कि यूं कह लीजिए कि यहां जमीन से लेकर छत तक किताबों का कलेक्शन ही नजर आता था।
6 . रात को देवानंद सिर्फ सूप पीना पसंद करते थे। इसके पीछे कारण था कि वह सादा खाना खाना पसंद करते थे।
7 . वह बेकार में कभी किसी के बारे में गॉसिप नहीं करते थे। कभी अगर किसी के बारे में बात चल रही हो, तो वह उसपर तब तक कुछ नहीं बोलते थे जब तक उसके बार में सबकुछ जान न लें।
8 . वह ज्यादा खर्चीले नहीं थे।
9 . वह अपनी पार्टीज में लोगों को हमेशा खुद ही फोन करके इन्वाइट करते थे। कोशिश भर हर अपने जानने वाले को वह बुलाते थे।
10 . उनको पढ़ने का बहुत शौक था। यही कारण है कि किसी भी मुद्दे पर वह काफी अच्छे से बात कर लेते थे। उनका यही स्वभाव फिल्ममेकिंग और उनकी फिल्मों में बहुत मदद करता था।
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