सरकार ने कहा कि जहां भी थोक बाजार में जांच के दौरान वायरस पाए गए वहां सभी मुर्गियों को मार दिया जाएगा.
सरकार ने चीन से आयात होने वाली जिंदा मुर्गियों पर तीन हफ्तों तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है.
साल 2013 की शुरुआत में एच7एन9 वायरस का संक्रमण मुर्गियों और बत्तखों से लोगों में भी होना शुरू हो गया था.
सरकारी मीडिया के मुताबिक चीन के झेनजियांग प्रांत के तीन शहरों में एच7एन9 वायरस के संक्रमण से 12 लोगों की जान जा चुकी है.
सरकारी मीडिया ने कहा है कि चीन भी 31 जनवरी से तीन महीने तक के लिए जिंदा मुर्गियों के व्यापार पर रोक लगा रहा है.
यह फैसला ऐसे वक्त आया है जब चीन में चंद्र नववर्ष की छुट्टियां मनाने की तैयारी चल रही है. इस मौके पर करोड़ों लोग परंपरागत रूप से देश भर में घूमकर संबंधियों के साथ वक्त बिताते हैं.
सामान्यतः छुट्टियों से पहले मुर्गों की बिक्री बढ़ जाती है.
थोक बाजार बंद
स्थानीय फ़ार्म को भी थोक बाजार में मुर्गियों की आपूर्ति करने से मना कर दिया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मानव एच7एन9 संक्रमण के मामले अब तक चीन, हाँगकाँग और ताईवान में पाए गए हैं.
इस वायरस को 2013 के शुरू में पहली बार इंसानों में पाया गया था. तब से अब तक 200 से अधिक मामलों मे 50 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार संक्रमण के अधिकतर मामले जिंदा मुर्गियों के संपर्क में आने से हुए हैं और इंसान से इंसान के संक्रमण का कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है.
हाँगकाँग के खाद्य और स्वास्थ्य सचिव को विंग-मैन ने एक बयान में कहा कि थोक बाजार को वायरस मुक्त करने के लिए 21 दिनों के लिए बंद रखा जाएगा.
स्थानीय फ़ार्म को भी थोक बाजार में मुर्गियां भेजने से मना किया गया है.
उन्होंने कहा कि अधिकारी सभी स्थानीय फ़ार्मों का निरीक्षण करेंगे और जांच के लिए नमूना इकट्ठा कर यह सुनिश्चत करेंगे कि स्थानीय फ़ार्म एच7एन9 वायरस से प्रभावित नहीं है.
हाँगकाँग ने पिछली बार दिसंबर 2011 में एच5एन9 वायरस से संक्रमित मुर्गियों को मारा था और उनके आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था.
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