अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अपने चेरिटेबल फाउंडेशन का बचाव किया है. सोमवार को उन्होंने कहा कि विदेश से चंदा लेना कोई पाप नहीं. पूर्व राष्ट्रपति ने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब उनका क्लिंटन फाउंडेशन विदेशी चंदे को लेकर विवादों में है. इस विवाद की आंच राष्ट्रपति चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहीं उनकी पत्नी हिलेरी क्लिंटन पर भी पड़ रहा है. क्लिंटन का कहना है कि ना तो ये पाप है और नाही दान लेते समय अमेरिकी सरकार की नीतियों को प्रभावित करने का कोई वादा किया गया है.
हिलेरी की छवि को खराब होने से बचाने के लिए बिल क्लिंटन ने अब इस पूरे मामले में अपने आप को आगे कर दिया है. मामले में सफाई देते हुए क्लिंटन ने कहा, ‘मैं नहीं समझता कि गरीबों व जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए धनी लोगों और विदेशों से चंदा लेने में कोई बुराई है.’ वह एनबीसी न्यूज से बातचीत कर रहे थे. उनका कहना था, ‘हमने कभी ऐसा कोई काम नहीं किया, जिसे किसी भी रूप में अनुचित कहा जा सकता है. हमने अमेरिकी सरकार की नीतियों को प्रभावित करने की शर्त पर किसी से धन नहीं लिया.’ न्यूयार्क टाइम्स में क्लिंटन फाउंडेशन के चंदे को लेकर छपी एक रिपोर्ट के बाद विवाद पैदा हुआ है. हालांकि इस मामले में हिलेरी को ज्यादा आलोचना का सामना नहीं करना पड़ा है, लेकिन इससे उनकी छवि जरूर प्रभावित हुई है. हिलेरी अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव लडऩे के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवार बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं.
बिल क्लिंटन ने इस विवाद को जानबूझ कर उत्पन्न किया हुआ बताते हुए कहा कि इसमें ऐसा नया कुछ भी नहीं है जो हिलेरी के राष्ट्रपति पद के चुनाव की दौड़ में शामिल होने के पहले कोई ना जानता रहा हो. क्लिंटन ने ये भी बताया कि ज्यादातर दानकर्ता वो हैं जो महज सौ डॉलर तक दान करते हैं. पर हां पांच मिलियन से ऊपर का दान देने वालों में आधे के करीब विदेशी या विदेशी सरकारे हैं. फाउंडेशन ने हाल में ही ये घोषणा की है कि वो केवल छह यूरोपीय देशों से दान स्वीकार करेगा.
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