कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Bilawal Bhutto Zardari : भारत 4 मई से गोवा में दो दिवसीय सम्मेलन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की मेजबानी कर रहा है। इस दाैरान चीनी विदेश मंत्री किन गैंग, रूस के सर्गेई लावरोव और पाकिस्तान के बिलावल भुट्टो-जरदारी शामिल होने भारत आ रहे हैं। भारत आने से पहले खुद इस बात की जानकारी खुद बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट करके दी है। बतादें कि 2018 में, बिलावल भुट्टो पहली बार नेशनल असेंबली के लिए चुने गए थे। पहली बार उन्हें सरकार में एक महत्वपूर्ण पद दिया गया है और देश के विदेश मंत्री का प्रमुख पोर्टफोलियो सौंपा गया था।
बिलावल भुट्टो का राजनीति से गहरा नाता
बिलावल भुट्टो का पिता व मां दोनों ही पक्षों से राजनीति से गहरा नाता है। बिलावल भुट्टो जरदारी की मां बेनजीर भुट्टो दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रहीं है। वहीं बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के नाती हैं। हकीम अली जरदारी उनके दादा थे जो एक राजनेता और पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य रहे। इसके अलावा इनके परिवार के अन्य तमाम सदस्य भी पाॅलिटिक्स में एक्टिव हैं। बिलावल के पिता की ओर से, उनकी आंटी अजरा पीचोहो और फरयाल तालपुर पाॅलीटीशियन हैं। वहीं उनकी मां की ओर से मुर्तजा भुट्टो और शाहनवाज भुट्टो हैं।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का चेयरमैन नियुक्त
2007 में 19 वर्ष की आयु में बिलावल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का चेयरमैन नियुक्त किए गए थे। बिलावल भुट्टो 1999 में दुबई में अपनी मां बेनजीर भुट्टो के साथ जाने से पहले उन्होंने कराची में इस्लामाबाद के फ्रोबेल इंटरनेशनल स्कूल में अपनी प्राइमरी एजूकेशन पूरी की। उन्होंने राशिद स्कूल फॉर बॉयज में पढ़ाई की। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अप्लाई किया। उन्होंने क्राइस्ट चर्च में माडर्न हिस्ट्री और पाॅलिटिक्स की स्टडी की। इसके बाद उन्होंने 2012 में बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री प्राप्त ली और बाद में सीनियारिटी के बेस पर उन्हें मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री दी गई।
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