पटना (ब्यूरो)। राज्य सरकार की ओर से महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए साल 2011 में पिंक बस की शुरूआत की गई थी। पटना में 60 बसों का परिचालन किया गया था .लेकिन महज आठ माह में ही पिंक बस सेवा पूरी तरह से ठप हो गई है। इन बसों को सफेद बस में परिवर्तित करने के लिए कंपनी भेज दिया गया है। बताते चले कि महिला कॉलेज में पढऩे वाली गल्र्स को इस बस का सबसे अधिक लाभ मिला था। पिंक बस में पुरूष यात्री नहीं होने से महिलाएं पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करती थी। पटना में लगातार बढ़ रहे महिला अपराध को लेकर 11 साल बाद महिलाएं फिर से पिंक बस की मांग करने लगी है। पढि़ए रिपोर्ट
सुरक्षित है पिंक बस
पटना की महिला भी इंदौर और दिल्ली की तरह पिंक बस की मांग कर रही है। मैथिल महिला संघ की सदस्य आकृति ने बताया कि पिंक बस महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह से सुरक्षित है। इस बस में न सिर्फ महिला ड्राइवर काम करती है। बल्कि कंडक्टर भी महिलाएं ही होती है। महिलाओं को रोजगार के साथ यात्रा के दौरान किसी भी तरह के समस्या होने पर आसानी से बात भी कर सकते हैं।
छेड़खानी के मामले होंगे कम
अरविंद महिला कॉलेज में पढऩे वाली रूची ने बताया कि मैं प्रति दिन परिवहन निगम की बस से यात्रा करती हूं। एक महीने में 10 दिन ऐसे भी होते हैं बस में जगह नहीं मिलता है। खड़े - खड़े यात्रा करनी पड़ती है। यात्रा के दौरान असमाजिक तत्व बस में चढ़ जाते हैं और कॉमेंट करने लगते हैं। अगर शहर में पिंक बस सेवा शुरू हो जाए तो महिलाओं को इस समस्या से निजात मिल जाएगी
क्यों बंद हुई पिंक बस सेवा
महिलाओंं की सुरक्षा के लिए पिंक बस सेवा शुरू की गई थी। पटना के 7 रूट पर 60 पिंक बस चलायी गई लेकिन महज 8 माह में ही बंद हो गयी । बीएसआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि पीपीपी मोड पर शुरू हुई बस आठ माह में ही घाटा लगना शुरू हो गया। इस घाटे को प्रॉपर नहीं देखा गया क्योंकि शर्त के मुताबिक बस चलेगी तो सब्सिडी देनी ही होगी। बस में यात्री कम होने की वजह से इडेन नामक कंपनी ने महिला बस के कलर को चेंज कर सामान्य कर दिया।
पटना में सिर्फ एक महिला बस का हो रहा है परिचालन
महिलाओं की सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार कितनी सजग है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बिहार की राजधानी पटना में महिलाओं को लिए सिर्फ एक महिला बस का परिचालन की जा रही है । वो भी पटना से पालिगंज के बीच। शहर अन्य जगहों से आने वाली महिलाओं की सुरक्षा राम भरोसे चल रहा है।