पटना (ब्यूरो)। पटना हाई कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस कृष्णन विनोद चंद्रन का चीफ जस्टिस कोर्ट रूम में स्वागत किया गया। इसमें सभी न्यायाधीशों के अलावा अधिवक्ता भी थे। वरीय न्यायाधीश चक्रधारी शरण ङ्क्षसह ने इसकी अध्यक्षता की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वे वकीलों एवं आम नागरिकों की समस्या के त्वरित निष्पादन हेतु हर संभव प्रयास करेंगे। बार काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा, महाधिवक्ता पी के शाही, केंद्र सरकार की तरफ से एडीशनल सालीसीटर जनरल डा। के एन ङ्क्षसह, बिहार स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा, हाईकोर्ट के तीनों अधिवक्ता संघों के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा, संजय ङ्क्षसह एवं अजय ठाकुर ने भी अपने विचार व्यक्त किए। स्वागत समारोह में मुख्य न्यायाधीश चंद्रन की पत्नी लता के यू, पुत्र वरुण के यू, उनकी माता विद्यावती सहित केरल हाई कोर्ट से आए सात न्यायाधीश, महा निबंधक और केरल विधिक सेवा प्राधिकार के सदस्य सचिव सहित केरल के महाधिवक्ता और अभियोजन महानिदेशक भी मौजूद थे।

1991 में वकालत की शुरुआत की

न्यायाधीश चक्रधारी शरण ङ्क्षसह ने कहा कि चंद्रन 2011 में केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश के पद पर नियुक्त हुए। 1991 में वकालत की शुरुआत की। 1992 में केरल हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। जस्टिस चंद्रन ने केरल में रहकर कई चर्चित मामलों में महत्वपूर्ण फैसला दिया। उनके अधिकांश फैसलों में मानवाधिकार, संवैधानिक अधिकार और मौलिक अधिकार को विशेष महत्व दिया गया है। महाधिवक्ता पीके शाही ने कहा कि भगवान बुद्ध , महावीर , सूफी संतों और सिखों के दशम गुरु की जन्मस्थली पर उनका स्वागत है। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से आशा जताई कि पटना हाईकोर्ट में मुकदमों के लगे अंबार को कम करने का वह हर संभव प्रयास करेंगे। मुख्य न्यायाधीश ने खुद को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि वह केरल से इतनी दूर भगवान बुद्ध महावीर सहित महात्मा गांधी के सत्याग्रह की धरती की सेवा करने आए। पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता आरके शुक्ला, शैलेंद्र कुमार ङ्क्षसह, राजीव कुमार ङ्क्षसह, प्रशांत प्रताप, समीर कुमार, स्मृति ङ्क्षसह, अभिमन्यु देव, सौरव ङ्क्षसह, रश्मि झा के अलावा अन्य युवा अधिवक्ताओं ने भी मुख्य न्यायाधीश को बधाई दी।