पटना ब्‍यूरो। दिल का दौरा (हार्ट अटैक) एक गंभीर स्थिति है जिसमें समय पर इलाज बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसे गोल्डन ऑवर कहा जाता है, जो कि दिल के दौरे के लक्षण शुरू होने के बाद का पहला एक घंटा होता है.इस समयावधि में इलाज मिलने से मरीज की जान बचने और हृदय को होने वाले नुकसान को कम करने की संभावना सबसे अधिक होती है। ये बात
निन्ती कॉर्डियक केयर के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ ओम प्रकाश नारायण आर्य ने एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने बताया कि दिल के दौरे के लक्षण दिखने के तुरंत बाद अगर इलाज मिल जाता है, तो हृदय की मांसपेशियों को होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। तत्काल इलाज से हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज को खोलकर हृदय की सामान्य गति को बहाल किया जा सकता है। गोल्डन ऑवर में इलाज मिलने से मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। ये बातें वो मरीजों से एक अनौपचारिक संवाद में बता रहे थे।