जाम से भी निजात दिलाने में सक्सेस
स्टूडेंट्स का कहना है कि बाइकॉथन लोगों को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित करता है। साइकिल इंवॉयरमेंट के साथ इकोनॉमी को भी सेव करता है, साथ ही जाम से भी निजात दिलाने में यह सक्सेस है। स्टूडेंट्स इन चीजों को भली-भांति समझते हैं। यही कारण है कि वे साइकिल यूज करते हैं। सालभर के बाद मिले मौके को वे हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं। इसके लिए वे रजिस्ट्रेशन कराने के साथ रैली में शामिल होने की तैयारी भी कर रहे हैं।
कार से साइकिल पर आएं
एनआईटी के सुबोध ने बताया कि अपर क्लास के लोगों को कार छोड़कर साइकिल पर आना चाहिए। कम से कम वे ऑफिस और मार्केटिंग करने तो साइकिल से जा ही सकते हैं। उनके इतना करने से साइकिल सबकी सवारी हो जाएगी, फिर तो सभी इससे सफर करने लगेंगे। शहर में वैसे भी पॉल्यूशन का लेवल बढ़ता जा रहा है, जिसे कम करने की जरूरत है। पॉल्यूशन कम करने का यहां कोई उपाय अब बचा नहीं है। इसके लिए अभी से ही साइकिल पकडऩी होगी। वहीं मंजीत कहता है कि हमलोगों तो साइकिल ही चलाते हैं, जिससे फिटनेस मिलने के साथ पैसे भी सेव हो रहे हैं। शहर में कार हो या बाइक उसका एवरेज काफी कम हो जाता है। साइकिल उससे निजात दिला सकता है।
फ्यूचर डिजायनर को पसंद है साइकिल
निफ्ट के स्टूडेंट्स में भी साइकिल का क्रेज दिख रहा है। फैशन की दुनिया से वास्ता रखने वाले स्टूडेंट्स का पैशन साइक्लिंग है। फ्री टाइम वे जमकर साइक्लिंग करते हैं। यहां की सुजाता ने बताया कि साइक्लिंग करते वक्त शरीर के साथ दिमाग भी संतुलित रहता है। यह कंसंट्रेशन बनाने में हेल्प करता है। जब भी मेरा दिमाग थक जाता है तो साइकिल उसे फ्रेस करने में हेल्प करता है। जबसे मैंने सुना है कि आई नेक्स्ट साइकिल रैली निकाल रहा है, तभी मैं एक्साइटेड हूं। मैं अपनी सभी फ्रेंड के साथ इसमें पार्टिसिपेट करूंगी।