पटना ब्‍यूरो। ब्रेस्ट फीडिंग नवजात शिशुओं के लिए बहुत जरूरी है। शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास भी ब्रेस्ट फीडिंग से होता है। बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग कराते समय कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सार्वजनिक स्थानों पर ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर नहीं होने से माताएं बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग कराने से कतराती हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए पटना के रेलवे स्टेशन व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर बनाए गए थे। लेकिन कई जगह मेंटिनेंस के अभाव में बंद है तो कई जगह ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर खोलने की योजना धरातल पर नहीं आ पाई। पढि़ए रिपोर्ट।

मेडिकल कॉलेजों में नहीं है सुविधा
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल और नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के प्रसूति विभाग में ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर की व्यवस्था अस्पताल प्रशासन की ओर से नहीं की गई है। अस्पताल में प्रसव के बाद नवजातों को दूध पिलाने में माताओं को काफी परेशानी होती है। जबकि दिल्ली सहित देश के अन्य महानगरों में बेबी ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर बनाए गए हैं। जहां माताएं अपने बच्चे को स्तन पान कराती हैं।

एनएमसीएच में कागजों में सिमट कर रह गई योजना
पटना सिटी स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में बेबी ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर खोलने की योजना साल 2021 में बनाई गई थी। मगर, तीन साल गुजरने के बाद भी बेबी ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर नहीं खोला गया है। जबकि प्रतिदिन 15 से 20 महिलाओं को प्रसव ऑपरेशन और नॉर्मल तरीके से होता है। इस संबंध में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने अस्पताल के सुपरिटेंडेंट से बात की तो उन्होंने कहा कि हम पता कराते है क्यों नहीं बना।

पटना जंक्शन पर अक्सर रहता है बंद
नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने के उद्देश्य से पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पार्सल ऑफिस के पास बने वीआईपी वेटिंग रूम में बेबी ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर रेलवे की ओर से खोल गया था। कुछ दिनों तक महिला यात्री अपने नवजातों को यहां आकर ब्रेस्ट फीडिंग कराती भी थी। मगर बेबी ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर अक्सर बंद रहने की वजह अब माताएं अपने बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग नहीं करा पाती है। इस संबंध में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने रेलवे के आला अधिकारियों से सवाल किया तो अधिकारियों ने कहा कि बेबी ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर का दुरुपयोग होने लगा था। इसलिए कभी-कभी बंद रहता है। वेटिंग रूम में महिला यात्री रहने पर कर्मचारी खोल देते हैं।

दानापुर और पाटलिपुत्रा में कब शुरू होगा
दानापुर रेल मंडल के प्रमुख स्टेशन में से एक दानापुर, पाटलिपुत्र जंक्शन पर ब्रेस्ट फीडिंग की व्यवस्था नहीं है। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि पाटलिपुत्रा स्टेशन पर बनकर तैयार है। दानापुर स्टेशन निर्माण कार्य चल रहा है। मैप में बेबी ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर शामिल है। निर्माण कार्य खत्म होने के बाद इसे माताओं के लिए खोल दिया जाएगा।

बच्चे के विकास के लिए सहायक
डॉक्टरों ने बताया कि ब्रेस्ट फीडिंग बच्चों के मानसिक विकास के लिए सहायक है। इससे न सिर्फ बच्चे की इम्युनिटी मजबूत होती है बल्कि उन्हें सभी जरूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं। स्तनपान बच्चे के साथ-साथ मां के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है। हालांकि कई बार सार्वजनिक स्थानों पर लोकलज्जा के कारण माताएं बच्चे को स्तनपान नहीं करा पाती हैं। शहर के सार्वजनिक स्थानों पर अगर पालनघर जैसे व्यवस्था कर दिया जाए तो माताओं को ब्रेस्ट फीडिंग कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी।



इस संबंध में प्रसूति विभाग के एचओडी से बात करता हूं। आखिर बेबी ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर की शुरूआत क्यों नहीं हुई है। उसके बाद कुछ बता पाऊंगा।
- डॉ। विनोद कुमार सिंह, सुपरिटेंडेंट, नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल

पटना जंक्शन पर बेबी ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर की व्यवस्था है। कई बार लोग दुरुपयोग करने लगते हैं। इसलिए कभी-कभी बंद रहता है। पाटलिपुत्रा जंक्शन पर बन गया है। दानापुर स्टेशन पर जल्द बन जाएगा।
- सरस्वतीचन्द्र, सीपीआरओ, ईसीआर