- एक आईपीएस ने किया स्टिंग, सोनुपर मेले में चल रहा काला धंधा

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आई नेक्स्ट आज बिहार के एक ऐसे स्टिंग ऑपरेशन का खुलासा करने जा रहा है जो चौंकाने वाला है। विलुप्त हो रहे पक्षियों का बिहार में किस तरह से सौदा हो रहा है ये जानकर आप भी सकते में आ जाएंगे। आई नेक्स्ट के हाथ लगे सीनियर आईपीएस के स्टिंग ऑपरेशन ने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी है। स्टिंग से आई नेक्स्ट बताने जा रहा है सिस्टम का सच.,

DGP तक पहुंचा स्टिंग ऑपरेशन

सीनियर आईपीएस ने स्टिंग ऑपरेशन के बाद मामले को बिहार के पुलिस महानिदेशक, आईजी मुजफ्फरपुर, एसपी सारण के साथ सारण के प्रभारी डीएम तक पहुंचा दिया है।

मामले हजार केस सिर्फ चार

बिहार में विश्व का सबसे बड़ा जानवरों का मेला लगता है। इतना ही नहीं पटना सिटी एरिया में पक्षियों और जानवरों का कारोबार सालभर चलता है। यहां हर साल हजारों वन जीव अधिनियम का उल्लंघन होता है लेकिन मामले एक भी दर्ज नहीं होते हैं। वर्ष ख्0क्भ् में एनसीआरबी के आंकड़ों पर गौर करें तो पूरे बिहार में महज ब् मामले दर्ज हुए हैं।

यहां तो सेफ है सलमान

शायद सलमान खान राजस्थान की जगह बिहार में शिकार करते तो पूरी तरफ सेफ रहते। बाल्मीकी नगर में आए दिन शिकार के मामले सामने आते हैं। पटना के आलमगंज थाना एरिया के शेरशाह रोड स्थित मीर शिकारपुर में तो पैसा देने पर प्रतिबंधित और विलुप्त पक्षियों के साथ शेर-भालू के बच्चे भी मिल जाते हैं।

7 साल की सजा का प्रावधान

वन्य जीव अधिनियम क्97ख् में कार्रवाई के लिए कई अनुसूची बनाई गई है।

विलुप्त हो रहे पशु-पक्षियों को नुकसान पहुंचाने वालों पर कार्रवाई के लिए श्रेणी बांटी गई है।

पशु-पक्षियों का अवैध रूप से व्यापार करने वालों पर ख्भ् हजार जुर्माना और फ् साल तक की सजा है।

जानवर या प्रतिबंधित पक्षियों के शिकार पर 7 साल की जेल और क्0 हजार रुपए जुर्माना है।

पशुओं और पक्षियों को परेशान करने या बंधक बनाकर रखने की सजा क्0 हजार जुर्माना और फ् साल की जेल है।

ऐसे किया स्टिंग ऑपरेशन

प्रदेश के सीनियर आईपीएस अफसर अमिताभ दास का कहना है कि सोनपुर मेला विश्व का सबसे बड़ा जानवरों और पक्षियों का मेला है। यहां खुले आम नियम-कानून की धज्जियां उड़ाई जाती है। वे सादे ड्रेस में आम आदमी की तरह मेले में पहुंचे। कई विलुप्त प्रजाति के पक्षियों के बारे में जानकारी लेने के बाद सीधे मेला आयोजक रामजी सिंह के पास पहुंचे, जहां बातचीत में पूरा खेल सामने आ गया।

आईपीएस - मेले में प्रतिबंधित और विलुप्त प्रजाति के पक्षियों को बेचा जा रहा है ये तो बड़ा अपराध है?

राम सिंह - अपराध करने के लिए ही तो ऊपर तक पैसा दिया जाता है।

आईपीएस - अच्छा कितने ऊपर तक पैसा आप लोग देते हो?

राम सिंह - बहुत ऊपर तक, आप क्या करेंगे ये सब जानकर, ऐसे नहीं धंधा चलता है बड़े-बड़े लोग इसमें शामिल हैं।

आईपीएस - आपको नहीं लगता है कि कभी छापेमारी हुई तो सभी कारोबारी जेल चले जाएंगे?

राम सिंह - कैसे छापेमारी होगी जब सबको मैनेज करके रखते हैं। तो यहां कौन आएगा।

आईपीएस - अच्छा आपके पास मैनेज करने के लिए कहां से पैसा आता है?

राम सिंह - मेले में आने वाले सभी दुकानदार देते हैं और कहां से आएगा।

आईपीएस - काकातुआ, जंगली मैना, बजरी और दुर्लभ तोते की प्रजाति कहां से आए, कैसे जिम्मेदारों की नजर से बचाते हैं?

राम सिंह - साहब कहां से आया, कौन लाया और कैसे मैनेज हुआ। ये सब जानकर क्या करियेगा, आप को जो पक्षी लेना हो ले लीजिए और जाइए यहां से।

आए दिन शिकार फिर भी बिहार सबसे नीचे

देश में वन जीव अधिनियम की कार्रवाई पर नजर डालें तो बिहार का ग्राफ सबसे नीचे है। यहां वर्ष ख्0क्भ् में महज ब् मामले दर्ज हुए जबकि एक साल में ब्0 हजार से अधिक मामले हुए होंगे। राजस्थान जो देश का सबसे एक्टिव प्रदेश है वहीं बिहार में मामले अधिक होने के बाद भी ग्राफ सबसे नीचे है।

प्रदेश दर्ज मामले

राजस्थान क्8ख्8

उत्तर प्रदेश क्फ्क्क्

झारखंड क्98

आंध्र प्रदेश क्77

कर्नाटक क्फ्भ्

हिमांचल क्0क्

दिल्ली ब्क्

बिहार ब्