पटना(ब्यूरो)। पत्रकार नगर थाने में तैनात 51 वर्षीय सिपाही दिलीप कुमार राय के घुटने में दर्द था। बड़े विश्वास से प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में इलाज कराने आए। पीएमआर विभाग में दिखाने के बाद कतार में लगकर दवा काउंटर पर पहुंचे। राय के पर्चे में पांच तरह की दवाएं लिखी थी। डाक्टर ने काउंटर से दवा लेने का कहा, लेकिन पौन घंटे बाद उन्हें वहां से सिर्फ गैस की पांच गोलियां दी गईं। सुबह-शाम खाने वालीं इटोसाइन एमआर, चाइमोरल फोर्ट, आर्सेरिन जीएम के साथ डायक्लोजेल तक नहीं मिला। यह मामला अकेले दिलीप कुमार राय का नहीं है। अधिकतर रोगियों की ऐसी ही शिकायतें हैं कि दो या तीन से अधिक दवाएं किसी को नहीं मिलती हैं। हालांकि, पीएमसीएच के अधिकारियों का कहना है कि डायक्लोजेल है पर जल्दबाजी में मरीज उसे लेना भूल गया होगा। यही नहीं 611 तरह की दवाएं होने के बाद ओपीडी में इनकी संख्या कितनी हो जाएगी यह तक किसी को पता नहीं है। हालांकि, पुरानी लिस्ट के अनुसार 76 में से 72 दवाएं उपलब्ध होने की बात कही जा रही है। पीएमसीएच अधीक्षक डा। आइएस ठाकुर को वाट््सएप व फोन किया गया लेकिन उनका पक्ष नहीं जाना जा सका। पुनपुन के पूरा नवादा निवासी 59 वर्षीय मुद्रिका पासवान ने बताया कि वे लंबे समय से खुजली और एक्जिमा से पीडि़त हैं। यहां विशेषज्ञ डाक्टर व मुफ्त दवा की आस में किराया खर्च कर व परेशानी उठा कर आये। डाक्टर ने पांच तरह की दवाएं लिखीं और काउंटर पर जाने को कहा। यहां आने पर सिर्फ एक दवा प्रेडमिसोलोन 10 एमजी मिली। हाइड्राक्सीजाइन, माश्चराइङ्क्षजग क्रीम, बीटोमेथासोन से लेकर पैंटोप्राजोल तक नहीं मिली। बेटा 18 सौ रुपए खर्च कर बाहर से ये दवाएं ले आया। भोजपुर के गोपालपुर से आईं रुमकी देवी को सीने और पेट में दर्द की शिकायत है। डाक्टर ने तीन दवाएं लिखीं और तीनों बाहर की हैं। उन्होंने कहा कि बड़ा अस्पताल समझ कर आए थे लेकिन अल्ट्रासाउंड से लेकर दवा तक के लिए बाहर ही भेजा जाता है। वहां दलाल रहते हैं कोई 12 सौ तो कोई 16 सौ रुपये मांग रहा है। इसी प्रकार सुपौल के 34 वर्षीय संजय कुमार और पटनासिटी के 29 वर्षीय कपिल कुमार ने भी ऐसी ही शिकायतें कीं।

रोगियों को नहीं मिलीं ये दवाएं
काउंटर से दवा लेकर आने वाले रोगियों से बातचीत में पता चला कि उन्हें लिवोसेट्रेजिन, डायक्लोफेनेक टैबलेट, बीपी की दवा एमिलोडिपिन, शुगर की दवा मेटफार्मिन, बी काम्प्लेक्स, न्यूरो की दवा एमिस्ट्रेटिलिन, सीने में जलन की दवा एंटासिड, 500 की एजिथ्रोमाइसिन की जगह 250 एमजी की गोलियां, विटामिन सी, डाक्सी साइक्लिन, कब्ज में राहत की दवा लैक्टोलीज आदि।

सदर अस्पताल से कम दवाएं पीएमसीएच में
गुरु गोङ्क्षवद ङ्क्षसह सदर अस्पताल के अधीक्षक डा। आरआर चौधरी के अनुसार पुरानी सूची की 156 में से 114 दवाएं उपलब्ध हैं। इनमें से ओपीडी के लिए निर्धारित 132 तरह की दवाओं में से 98 रोगियों को दी जा रही हैं। नई सूची के अनुसार सदर अस्पताल के लिए इंडोर में 169 और ओपीडी में 287 दवाएं सूचीबद्ध हैं। सिविल सर्जन डा। श्रवण कुमार के अनुसार उनके भंडार में ओपीडी व इनडोर के लिए 434 तरह की दवाएं व सर्जिकल उपकरण उपलब्ध हैं।