पटना(ब्यूरो)। Sawan Somwar 2023: रेवती नक्षत्र में सावन की पहली सोमवारी को लेकर शहर के मंदिर सज-धजकर दुल्हन की तरह तैयार है। पहली सोमवारी को भगवान शंकर के जलाभिषेक के, पूजन, आरती और अनुष्ठान के भक्तों का तांता देर रात से ही लगने लगा। सोनपुर स्थित हरिहर नाथ मंदिर में दर्शन के लिए गंगा स्नान कर भक्त रविवार को ही जल भर पैदल कांवर लेकर चल दिए। खाजापुर शिव मंदिर, कंकड़बाग शिव मंदिर, जलेश्वर महादेव मंदिर, मानसा पूरन मंदिर, केसरी नगर शिव मंदिर, बोरिंग रोड शिव मंदिर को शिव भक्तों के लिए फूलों और लाइट से सजाया गया है। शहर के कई मंदिरों में सावन की पहली सोमवारी को प्रथम आरती में सम्मलित होने के लिए जय जय शिव शंभू के उद्घोष शिवालयों में गूंजते रहे।
बढ़ गई बेलपत्र, फूलमाला, धतूरे की मांग
सावन की पहली सोमवारी को लेकर रविवार को फूल बाजार में बेलपत्र, फूलमाला, धतूरा, भांग, ऋतुफल खरीदने वालों की संख्या बढ़ गई। पांच रुपए प्रति पीस बिकने वाला धतूरा 20 रुपए प्रति पीस तक बिका। वहीं बेलपत्र 10 की जगह 20 रुपए डाली हो गया। भांग, ऋतुफल और दूध की भी खूब बिक्री हुई। फूल कारोबार करने वाले संजय ने बताया कि पहली सोमवारी को लेकर एडवांस बुकिंग पहले से थी। सोनपुर के हरिहर नाथ मंदिर में पूजा अर्चना के लिए कारोबारी यहां से बेलपत्र और धतूरा ले गए हैैं। कांवर यात्रा करने वाले लोग भी खूब बेलपत्र खरीद रहे हैैं। कारोबारी संजय ने बताया कि रविवार बेलपत्र औ धतुरा को मिलाकर पांच लाख से अधिक का कारोबार हुआ है। उन्होंने बताया कि मंदिरों में बेलपत्र और फूल से विशेष सजावट की गई है।
रेवती नक्षत्र में पहली सोमवारी आज
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि आज श्रावण मास की प्रथम सोमवारी में रेवती नक्षत्र के सुयोग में भगवान भोलेनाथ को दूध, दही, घी, मधु, ईख के रस व गंगाजल आदि से अभिषेक कर फूल, बेलपत्र, भांग, धतूूर, समी,अकवन पुष्प आदि से श्रद्धाभाव से पूजा करने से श्रद्धालुओं को आयु, आरोग्य, यश, वैभव का वरदान मिलेगा । वही सुहागन स्त्रियों को आज शिव-पार्वती की पूजन से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी। मिथिलावासी अपने घरों में पार्थिव पूजन भी करेंगे.आज मंगला गौरी का भी विधिवत पूजन किया जाएगा। सावन से कार्तिक मास तक सोलह सोमवारी का व्रत भी आज से शुरू हो गया।
शिव की पूजा सर्वदा कल्याणकारी
डॉ। विकास नाथ झा कुंवर जी ने बताया कि सावन मास में शिव की पूजा करने से चार गुना ज्यादा पुण्य मिलता है। भक्तों के लिए इनकी पूजा-आराधना सर्वदा कल्याणकारी ही होती है.आज सावन के पहली सोमवारी पर महादेव को दूध व गंगाजल से अभिषेक कर बेलपत्र चढ़ाने से श्रद्धालुओं को सभी प्रकार से कल्याण होगा। इसके अलावा असाध्य रोगों से छुटकारा, पितृदोष से मुक्ति व व्यवसाय संबंधित समस्या भी दूर होंगे।
महामृत्युंजय मंत्र, वेदोक्त मंत्र एवं गायत्री मंत्र के साथ रुद्राभिषेक करने के बाद उमा-महेश्वर की श्रृंगार पूजा से सभी कष्ट दूर हो जाते है। प्रत्येक सोमवारी को रुद्राभिषेक, शिवसहस्रनाम, शिव पंचाक्षर, शिव महिम्न, रुद्राष्टक, शिव कवच तथा शिव तांडव स्त्रोत्र का 108 बार पाठ करने से दरिद्रता का ह्रास और शिव की विशेष अनुकंपा प्राप्त होगी।