पटना(ब्यूरो)। पार्षद पति नीलेश उर्फ नीलेश मुखिया हत्याकांड में वर्चस्व की जंग के अलावा सात करोड़ की जमीन में हिस्सेदारी और बेइज्जती का बदला भी बड़ा कारण था। नीलेश के दोस्त अजय राय ने ही विरोधी पप्पू-धप्पू गुट से हाथ मिलाकर हत्याकांड की साजिश रची थी। इस मामले में विशाल कुमार उर्फ अजय राय (कुर्जी बालूपर), संतोष कुमार (मखदुमपुर शिवाजी नगर गली नंबर 90) और उदय कुमार (कुर्जी बालूपर) की गिरफ्तारी के बाद सैटरडे को एसएसपी राजीव मिश्रा ने साजिश का भंडाफोड़ किया है। आरोपितों के पास से पिस्टल, मैगजीन, चार कारतूस, क्रेटा कार और 36 हजार नकदी बरामद हुई। तीनों आरोपित पूर्व में कई मामलों में जेल जा चुके हैं।
ढाई महीने पहले शुरू हुआ मनमुटाव
एसएसपी के मुताबिक, अजय और नीलेश एक साथ जमीन कारोबार करते थे। अटल पथ पर अजय ने पांच कट्ठे का एक भूखंड लिया था, जिसकी बाजार कीमत लगभग सात करोड़ रुपये है। चूंकि, नीलेश ने उसके कई भूखंड में निवेश कर रखा था, इसलिए इसमें भी वे हिस्सा मांग रहे थे। अजय ने एक करोड़ की मांग में मात्र 38 लाख रुपये दिए थे। लगभग ढाई महीने पहले इसी मसले को लेकर नीलेश के कार्यालय में अजय से कहासुनी हो गई थी। इस दौरान उससे अजय को बुरा-भला कहा था। तब उसने उदय के माध्यम से पप्पू-धप्पू गुट से हाथ मिला लिया। हालांकि, इसकी जानकारी नीलेश को नहीं थी। पप्पू-धप्पू के कार्यालय में बैठकर अजय ने हत्याकांड की साजिश रची थी। वहां उदय और संतोष भी थे।
अजय ने पप्पू-धप्पू को भी दिया धोखा
नीलेश की हत्या करने वाले शूटरों के लिए पप्पू-धप्पू ने अजय को 25 लाख रुपये दिए थे। मगर, अजय ने शूटरों को पांच लाख ही दिए और बाकी रकम संतोष के साथ मिल कर बांट ली। अजय और संतोष ने शूटरों के रहने के लिए मकान और रेकी के लिए गाड़ी की व्यवस्था की थी। वहीं, पूर्व में गिरफ्तार विकास ने सिम कार्ड उपलब्ध कराया था। सूत्र बताते हैं कि शूटरों ने रुपये मिलने के बाद एक बार हत्या का प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हो पाए थे। वे और रुपये मांग रहे थे। तब अजय ने उन्हें रुपये वापस करने को कहा, मगर उन्होंने सारी रकम खर्च कर दी थी। अजय ने उन्हें 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद उन्होंने 31 जुलाई की सुबह नीलेश पर हमला कर दिया था। ज्ञात हो कि इस हमले के 24 दिन बाद दिल्ली के एक अस्पताल में उनका मौत हो गई। इस मामले में अब तक पुलिस आठ आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। पप्पू, धप्पू और गोरख संपत्ति कुर्क होने के बाद भी फरार हैं।