पटना (ब्यूरो)। शरदोत्सव का चंन्द्रमा वैसे तो अपनी 16 कलाओं के साथ चमकने की मान्यता के साथ चमकीला माना जाता है लेकिन इस बार वैज्ञानिक रूप से 17 अक्टूबर शाम उदित होने वाला चंद्रमा शरद सुपरमून के रूप में साल का सबसे चमकीला चंद्रमा होगा। ये जानकारी नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने दी। उन्होंने बताया कि चमकता चंद्रमा , पृथ्वी से मात्र 3 लाख 57 हजार 3 सौ 64 किमी की दूरी पर रहेगा जो कि इस साल के लिये सबसे कम दूरी है। नजदीकियों के कारण यह अपेक्षाकृत बड़ा और चमकदार दिखेगा। पश्चिमी देशों में इसे हंटर्स मून के नाम दिया गया है।

-4 बजकर 56 मिनिट पर यह सबसे निकट बिंदु पर होगा

वैज्ञानिकों ने बताया कि भारतीय समयानुसार दोपहर बाद 4 बजकर 56 मिनट पर यह सबसे निकट बिंदु पर होगा और इसके लगभग 1 घंटे बाद ही यह पूर्व दिशा में शरदसुपरमून के रूप में उदित होकर रात भर आकाश में अपनी चांदनी बिखेरेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बुधवार रात्रि ही खीर खाकर उत्सव मना रहे हों लेकिन चमक के मामले में तो वैज्ञानिक रूप से गुरूवार को ही चंद्रमा की चमक अधिकतम होगी।
-क्या होता है सुपरमून

वैज्ञानिकों ने बताया कि पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता चंद्रमा गोलाकार पथ में नहीं घूमता बल्कि अंडाकार पथ में चक्कर लगाता है। इस कारण इसकी पृथ्वी से दूरी बढ़कर कभी 406,700 किमी हो जाती है तो कभी यह 356,500 किमी तक पास भी आ जाता है। जब चंद्रमा पृथ्वी के पास आया हो और उस समय पूर्णिमा आती है तो चंद्रमा लगभग 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखाई देता है। इसे ही सुपरमून कहा जाता है। गुरूवार को साल का सबसे नजदीकी सुपरमून है।

इस साल के तीन सुपरमून में से 17 अक्टूबर का सबसे नजदीकी सुपरमून है

दिनांक चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी

19 अगस्त 361,970 किमी

17 सितम्बर 357,486 किमी

17 अक्टूबर 357,364 किमी