पटना (ब्यूरो)। कोरोना काल में करीब साल भर बंद रहे मेमू ट्रेनों की हालत एक बार देख लेने के बाद दोबारा सफर करना कठिन हो जाता है। पटना से चलने वाली मेमू ट्रेनों का कुछ ऐसा ही हाल है। इन
ट्रेनों का परिचालन तो शुरू हो रहा है लेकिन सुविधाओं का भारी टोटा है। भीषण गर्मी के दौर में कोच जैसे आग का गोला जैसा बना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई कोच में पंखे चल ही नहीं रहे। वहीं, साफ- सफाई का हाल भी बदहाल है। इसका खुलासा दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में सामने आया है। पेश है रिपोर्ट।
रात 8.15 बजे के सफर का आंखों -देखा हाल
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने मेमू ट्रेनों की पड़ताल की। टीम ने पटना जंक्शन से दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तक जाने वाली में मेमू ट्रेन में सफर किया। पटना से आरा तक के डेड घंटे के सफर में एक के बाद एक समस्याएं परत-दर- परत खुलती गई। इस दौरान महज सात-आठ स्टेशन तक का सफर करना भी कठिन महसूस हो रहा था, क्योंकि सुविधाओं का टोटा था। ट्रेन यात्रियों ने भी इसे लेकर अपनी शिकायत बताई। कई पैसेंजरों ने यहां तक कहा कि कोरोना के बाद से किराया तो बढ़ा दिया गया लेकिन सुविधाएं जो थी, वह भी मेनटेंन नहीं की जा रही है।
पंखा और लाइट की समस्या
पटना सचिवालय सहित अन्य विभागों में काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी डेमू और मेमू ट्रेन से प्रतिदिन पटना से आरा सफर करते हैं। रात के 8.15 बजे जैसे हमारी टीम आरा जोन वाली मेमू ट्रेन में पहुंची तो गर्मी की वजह से यात्री परेशान दिखे। ट्रेन के अंदर लगे कई लाइट खराब थे और कई पंखे या तो चल नहीं रहे थे या बेहद धीमी गति से चलने के कारण गर्मी से राहत नहीं दे पा रहे थे। चलती ट्रेन में रिपोर्टर द्वारा पूछने पर आरा जाने वाले पैसेंजर संतोष ने बताया कि रेलवे प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। आरा तक कई स्टेशन ऐसे हैं जहां लाइट नहीं है। ऐसे स्टेशनों पर यात्रियों चढऩे -उतरने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
शौचालय की दुर्गंध
विजिट के दौरान टीम ने यह पाया कि अधिकांश कोच बहुत ही गंदे हैं। खास तौर पर शौचालय और इसके पास से जाने वाले पैसेज के पास गंदगी ही गंदगी रहती है.शौचालय की सुविधा होने के बाद भी पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। इमरजेंसी के समय लोग बोतल का उपयोग करते हैं। इस वजह से कोच में भी दुर्गंध का सामना पड़ता है। सिर्फ यही नहीं, कई कोच में मकड़ी बुन रखा है। समुचित सफाई की कमी है। वहीं, पैसेंजर के लिए मोबाइल चार्जिंग के लिए व्यवस्था की गई है। मगर अधिकांश जगहों पर सॉकेट खुला और कुछ पावर ही नहीं लेते हैं। ट्रेन में हो रही समस्या को लेकर दानापुर रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम सरस्वती चन्द्र से रिपोर्टर ने जब सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जो भी समस्या है उसका समाधान जल्द ही कर लिया जाएगा।